नैप्यिडो। दुनिया इन दिनों कई संघर्षों से जूझ रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध हो या फिर पश्चिम एशिया में चल रहा युद्ध, वैश्विक तनाव लगातार बढ़ रहा है। अब भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में चल रहा संघर्ष भी लगातार फैल रहा है और हालात ये हो गए हैं कि म्यांमार के टूटने का खतरा पैदा हो गया है। दरअसल विद्रोही सेनाओं ने म्यांमार के उत्तरी क्षेत्र के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है।
म्यांमार की सेना ने साल 2021 में जनता द्वारा चुनी गई सरकार का तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसके खिलाफ कई विद्रोही संगठनों ने सशस्त्र विद्रोह कर दिया। म्यांमार में जारी संघर्ष को अब तीन साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। हालांकि जैसे जैसे समय बीत रहा है विद्रोही संगठन, सेना पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। जून महीने से म्यांमार के शान राज्य के मेंडले इलाके में लड़ाई चल रही है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, म्यांमार में संघर्ष की वजह से 30 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं।
म्यांमार में मानवीय राहत के काम करने वाले संगठन ताइ स्टूडेंट यूनियन ने बताया है कि शान राज्य में हिंसा के चलते एक लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं और जून से जुलाई मध्य तक करीब 141 लोगों की मौत हुई है और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। म्यांमार के विद्रोही संगठनों ने बीते साल अक्तूबर में ऑपरेशन 1027 के तहत म्यांमार की सेना पर दूसरे चरण का हमला शुरू किया था। पहले चरण के संघर्ष में विद्रोही संगठनों ने रणनीतिक रूप से शान राज्य की पूर्वी सीमा पर कब्जा कर लिया था। यह इलाका चीन की सीमा से लगता है। अब विद्रोही संगठन देश के उत्तरी इलाके, जो कि मेंडले से लाशियो तक करीब 280 किलोमीटर का इलाका है, उस पर कब्जे के लिए लड़ रहे हैं। आशंका है कि अगर विद्रोही संगठन सफल हुए तो म्यांमार दो हिस्सों में टूट सकता है।
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