नई दिल्ली। जिन कंपनियों ने घर से काम करने की प्रथा को समाप्त किया है, उनके कर्मचारी भारी संख्या में इस्तीफा दे रहे हैं। एऑन के सर्वे के अनुसार, अगस्त में उन कंपनियों में कर्मचारियों के छोड़ने की दर 29 फीसदी थी, जिन्होंने घर से काम करने की प्रथा खत्म कर दी थी। जिन कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड वर्क मॉडल चल रहा है, उनमें कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर केवल 19% थी।
सर्वे में 700 से ज्यादा कंपनियों को शामिल किया गया था। सर्वे के मुताबिक, अगस्त में सिर्फ 9% ही कंपनियां ऐसी थीं जिन्होंने पूरी तरह से घर से काम करने को कर्मचारियों को मंजूरी दी थी। जनवरी में यह संख्या 38 फीसदी से ज्यादा थी। अब कंपनियां हाइब्रिड मॉडल खत्म कर रही हैं तो कर्मचारी इस्तीफा दे रहे हैं।
कई कंपनियों में तीन दिन दफ्तार आना जरूरी
मूनलाइटिंग यानी एक साथ दो जगह काम करने की लगातार बढ़ रही प्रथा के कारण आईटी कंपनियों को काफी दिक्कत हुई थी। इसी वजह से विप्रो सहित अन्य कंपनियों ने कर्मचारियों को हफ्ते में तीन दिन ऑफिस आने का नियम तय कर दिया। साथ ही सैकड़ों कर्मचारियों को निकाल भी दिया गया। कुछ कंपनियां इसे रोटेशन के आधार पर कर रही हैं।
उद्योग आर्थिक वृद्धि में समर्थन को तैयार : फिक्की
भारतीय उद्योग देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार का समर्थन करने और 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के अभियान का हिस्सा बनने को तैयार हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स एंड कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फिक्की) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा ने कहा कि भारत विश्व की अर्थव्यवस्थाओं में एक उज्ज्वल स्थान के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आसानी से 5,000 अरब डॉलर और फिर 10,000 अरब डॉलर के जीडीपी के लक्ष्य को पार कर जाएगी।
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