नई दिल्ली। G-20 ग्रुप में उन्नीस देश और एक यूरोपियन संघ है। इस समूह में भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, जापान, मेक्सिको, जर्मनी, फ्रांस, रूस, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, इंडोनेशिया, इटली, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की और यूरोपीय यूनियन (US, UK, China, Japan, Mexico, Germany, France, Russia, Argentina, Australia, Brazil, Canada, Indonesia, Italy, South Korea, Saudi Arabia, South Africa, Turkey and European Union) शामिल है। यह दुनिया की कुल जीडीपी (World’s GDP) में से इन देशो की हिस्सेदारी 85 फीसदी है। इसके अलावा G-20 देशों में दुनिया का कुल 85 फीसदी प्रोडक्शन के साथ ही में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में समूह देशों की हिस्सेदारी 75 फीसदी है.
9 और 10 सितंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में भाग लेने के लिए दुनियाभर से शक्तिशाली नेता आ रहे हैं। इनके रहने से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक के लिए विशेष इंतजाम कर है। लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) इसमें भाग लेने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन समेत कई दिग्गज इस दौरान भारत में रहेंगे।
राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाली जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) इसलिए भी एहम है क्योंकि इस सम्मेलन में यूरोपीय संघ के साथ-साथ दुनिया के सबसे समृद्ध और शक्तिशाली देशों के नेता महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आ रहे हैं। हालांकि आपको यह बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने टेलीफोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को व्यक्तिगत रूप से को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपनी अनुपलब्धता के बारे में बताया था।
उनकी जी20 शिखर सम्मेलन में नहीं आने की एक वजह रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को भी माना जा रहा है। हालाँकि वे अपने विदेश मंत्री सार्गेई लावरोव को बैठक में हिस्सा लेने के लिए भेजने वाले हैं और पुतिन वीडियो के जरिए बैठक को संबोधित करेंगे। अमेरिका और कई पश्चिमी देश पुतिन कि आलोचना कर चुके है। साथ ही अब पुतिन पर वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की मौत के आरोप भी पर लगा रहे हैं।
किस बात का डर?
आपको यह बात बता दे कि इंटरनेशनल क्रिमनल कोर्ट (ICC) ने व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर रखा है। युद्ध अपराधों का आरोप लगाते हुए रूसी राष्ट्रपति को लेकर यह वारंट जारी किया गया है। उन्हें एक डर अपनी गिरफ्तारी का भी हो सकती है।
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