उजैन। कोरोना काल में लंबे समय तक महाकाल मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगे हुए थे लेकिन जब से यह प्रतिबंध हटे हैं, तब से खास अवसरों पर एकाएक नियमित दर्शनार्थियों की भीड़ बढ़ जाती है लेकिन आम दिनों में गिनती के नियमित दर्शनार्थी ही रोज महाकाल दर्शन करने आते हैं। कोरोना महामारी के चलते पहली लहर में मार्च से लेकर जून तक महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहा। अनलॉक शुरु होने के बाद दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश से पहले एक दिन पूर्व ऑनलाईन बुकिंग की व्यवस्था शुरु की गई थी। इसी के साथ महाकाल के नियमित दर्शनार्थियों को तभी से प्रवेश नहीं मिल पा रहा था। इसके लिए नियमित दर्शनार्थियों ने कलेक्टर को भी ज्ञापन दिया था।
इसके बाद मंदिर प्रशासन ने नियमित दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश देना शुरु कर दिया। तभी से इसकी आड़ में कई लोग खुद को नियमित दर्शनार्थी बताकर मंदिर में प्रवेश के प्रयास करने में लग गए थे। हालांकि अब कोरोना का कोई प्रतिबंध नहीं हैं। इन दिनों कोई खास बड़ा पर्व भी नहीं हैं। ऐसे में महाकाल में अब गिनती के नियमित दर्शनार्थी ही रोज दर्शन के लिए आ रहे हैं। पिछले दिनों नियमित दर्शनार्थियों की यही संख्या पंचक्रोशी यात्रा और अष्टतीर्थ यात्रा के दौरान काफी बढ़ गई थी। उल्लेखनीय है कि मंदिर समिति के रिकार्ड में लगभग 1 हजार लोगों के नाम नियमित दर्शनार्थी के रूप में दर्ज हैं। सावन के महीने में इनमें से अधिकांश लोग मंदिर में रोज इस व्यवस्था का फायदा उठाने पहुँच जाते हैं। बड़े त्यौहारों पर भी यही स्थिति रहती है लेकिन वर्तमान में करीब 50 से 60 श्रद्धालु ही नियमित दर्शनार्थी के रूप में पूरे साल हर मौसम में महाकाल दर्शन करने आते हैं।
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