उज्जैन। शहर का संभागीय आरटीओ कार्यालय इन दोनों पूरे मध्य प्रदेश में चर्चा में है। इस कार्यालय में पूरे प्रदेश की किसी भी वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट बगैर वाहन ले जाए बन जाता है। मोबाइल पर फोटो भेजने पर ही फिटनेस सर्टिफिकेट मिल जाता है और वह भी एक दिन में। सिर्फ मुंह मांगी रकम देना होती है। आरटीओ कार्यालय के हालात यह है कि 15 वर्ष से अधिक के वाहनों के भी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं।
उज्जैन के संभागीय आरटीओ कार्यालय के कर्मचारी और बाबू गाडिय़ों की बिना जाँच करे गाडिय़ों के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर देते हैं। मध्य प्रदेश में किसी भी जिले का वाहन हो उसका भी फिटनेस प्रमाण जारी कर दिया जाता है। बस बाबू को अपनी रिश्वत से मतलब। सूत्रों ने बताया कि नियमानुसार गाड़ी का फिटनेस करने के लिए सबसे पहले गाड़ी को जाँच के लिए कार्यालय मंगवाया जाता है। कार्यालय के फिटनेस अधिकारी गाड़ी की अंदर बाहर से स्थिति का पूरा निरीक्षण कर देखता हैं कि गाड़ी में किसी प्रकार की कोई परेशानी या नियम अनुसार गाड़ी में नंबर प्लेट से लेकर लाइट आदि सभी उपकरण काम कर रहे है या नहीं। परीक्षण कर वहाँ का कार्यालय में फोटो कर और गाड़ी सड़क पर चलने योग्य है या नहीं हर तरह की जाँच की जाती है। उसके बाद ही आरटीओ कार्यालय से फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। उज्जैन के संभागीय आरटीओ कार्यालय में सारे नियमों को ताक पर रखते हुए कार्यालय में रोजाना 20 से 25 वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। बाबू और कर्मचारियों में किसी भी बात का कोई खौफ नहीं, बस किसी भी तरह रिश्वत आना चाहिए। गाडिय़ों का फिटनेस कराने के लिए जब गाड़ी मालिक आरटीओ कार्यालय में पहुंचता है। पहले तो एजेंट के माध्यम से फॉर्म या ऑनलाइन प्रक्रिया कराई जाती है। ऑफलाइन में फॉर्म लेकर भरा जाता है, जिसमें वाहन से संबंधित सभी जानकारियाँ दी जाना चाहिए।
यह सब प्रक्रिया तो कार्यालय में की जाती है। वाहन पूरी तरह से सड़क पर चल रही होती है, उसके बाद भी वाहन के अंदर कमियाँ- पेशियां निकाल कर गाड़ी मालिक से रिश्वत ली जाती है। 15 साल से अधिक पुराने हो चुके कंडम वाहनों का भी फिटनेस कर दिया जाता है। जिसके सड़क पर चलने से दुर्घटना अधिक होने की संभावना होती है, उन वाहन को भी रिश्वत लेकर फिटनेस सर्टिफिकेट देकर ग्रामीण क्षेत्रों में चलाने के लिए अनुमति प्रदान की जाती है। गाड़ी के मॉडल के हिसाब से सरकारी फीस के अलावा उनके द्वारा तय की गई फीस भी लेकर गाड़ी का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करते हैं। मध्य प्रदेश के किसी भी जिले का कोई सा भी वाहन हो मोबाइल पर ही फोटो मंगाकर गाडिय़ों का एक दिन में फिटनेस कर दे दिया जाता है, जिसका कमीशन बहुत ज्यादा लिया जाता है। एकमात्र मध्य प्रदेश में उज्जैन आरटीओ ही है जो पूरे मध्यप्रदेश के किसी भी जिले से कोई भी वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करता है। सभी मामलों में उज्जैन का आरटीओ कार्यालय पूरे प्रदेश में चर्चा में है।
प्रति गाड़ी के हिसाब से लिया जाता है पैसा
जो गाडिय़ाँ उज्जैन आरटीओ में आती है उन पर फीस के अलावा गाड़ी के हिसाब से रुपए ऊपर दिए जाते हैं। दिनभर में 20 से 25 गाडिय़ाँ फिटनेस हेतु आती है। प्रति छोटी गाड़ी 500 रुपए, प्रति बड़ी गाड़ी 1000 रुपए से 3000 रुपए तक आरटीओ के बाबू द्वारा लिए जाते हैं।
वाहन नहीं लाने पर रिश्वत
कार्यालय में वाहन नहीं आने पर भी गाड़ी का फिटनेस किया जाता है जिसकी रिश्वत 4500 रुपए प्रति गाड़ी जो कि एक दिन में 20 से 25 गाडिय़ाँ रोजाना होती है।
एफसी के जरूरी डॉक्यूमेंट
जब भी आप किसी वाहन के एफसी के लिए अप्लाई करें, तब अपने पास जरूरी डाक्यूमेंट्स रखें। इनमें फॉर्म 20, फॉर्म 21, फॉर्म 22, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पेमेंट किए गए रोड टैक्स की रिसिप्ट, वाहन का ऑरिजनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, एक वैलिड पीयूसी सर्टिफिकेट, वैलिड आईडी, एड्रेस प्रूफ, पासपोर्ट साइज फोटो, परमिट का सर्टिफिकेट और पेमेंट फीस रिसिप्ट शामिल है।
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