नई दिल्ली। देश में आपने ऐसी बहुत सी जगहों के बारे में सुना होगा जहां महिलाओं को जाने पर प्रतिबंध(ban on women) हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं देश ऐसी जगहें भी हैं जहां पुरुषों का जाना वर्जित (ban on men) है. जी हां, आप बेशक पढ़कर चौंक गए होंगे लेकिन ये सच है. आज हम आपको ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पुरुषों की नो एंट्री (Men Not Allowed In Places) है. आइए जानें, कौन सी हैं वे जगहें.
मणिपुर मार्केट(Manipur Market)
मणिपुर में एक ऐसी जगह है जहां पुरुषों के जाने की पाबंदी है. दरअसल, ये एक मार्केट है और यहां महिलाओं का राज है. इंफाल में इमा कैथेल के नाम से मशहूर इस मार्केट में सिर्फ महिलाएं ही सामान बेचने और खरीदने आ सकती हैं. हैरत की बात ये है कि यहां अधिकतर शादीशुदा महिलाएं ही अपनी दुकान चलाती हैं. इसीलिए इसे मदर्स मार्केट के नाम से भी जाना जाता है.
भगवान ब्रह्मा मंदिर(Lord Brahma Temple), राजस्थान
यह देश के बहुत ही दुर्लभ मंदिरों में से एक है जहां भगवान ब्रह्मा राज करते हैं. ब्रह्मा मंदिर में विवाहित पुरुषों को देवता की पूजा करने की मनाही है. ऐसी कथा है कि भगवान ब्रह्मा को अपनी पत्नी देवी सरस्वती के साथ यज्ञ करना था. लेकिन देवी सरस्वती को यज्ञ में आने में देर हो गई थी, इसलिए उन्होंने देवी गायत्री से विवाह किया और यज्ञ पूरा किया. इससे देवी सरस्वती क्रोधित हो गईं और उन्होंने शाप दिया कि किसी भी विवाहित पुरुष को इस मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा, अन्यथा उसके वैवाहिक जीवन में परेशानी आ सकती है. तबसे यहां पुरुषों की एंट्री बैन है.
शक्ति स्थल, माता का मंदिर(Shakti Sthal, Mata Ka Mandir), मुजफ्फरनगर
असम में कामाख्या मंदिर की तरह एक शक्ति स्थल माता का मंदिर है जहां पुरुषों को उस समय मंदिर परिसर में प्रवेश करने से रोकता है जब देवी को मेंस्ट्रुअल साइकिल आता है. इस दौरान मंदिर प्रबंधन भी केवल महिलाओं को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति देता है. यहां नियमों का इतनी सख्ती से पालन किया जाता है कि इस शुभ मुहूर्त के दौरान पुरुष पुजारी को भी मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति मिलती.
देवी कन्याकुमारी(Devi Kanyakumari), कन्याकुमारी
भारत के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित देवी कन्याकुमारी मंदिर के परिसर में सख्ती से नियमों का पालन करते हुए पुरुषों को आने की अनुमति नहीं है. यहां गेट तक केवल संन्यासियों को ही जाने की अनुमति है, जबकि विवाहित पुरुषों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है.
ऐसा माना जाता है कि देवी पार्वती के साथ उनकी शादी के दिन इस स्थान पर भगवान शिव द्वारा अपमानजनक व्यवहार किया गया था. इसी कारण आज तक यहां पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित है.
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