प्योंगयांग। वैसे तो उत्तर कोरिया (North Korea) का तानाशाह किम जोंग-उन (Kim Jong-un) अपने अडि़यल रवैये के लिए जगजाहिर है कब दिमाग खिसक जाए कहा नहीं जा सकता है, जो मन में आए जाए उसे करके दिखाता है। चाहे वह मिसाल परीक्षण का हो या फिर किस अपने देश में कोई कानून लागू करने का । ऐसा ही इस समय उत्तर कोरिया (North Korea) के तानाशाह किम जोंग-उन (Kim Jong-un) का एक और अजीबोगरीब फरमान सामने आया है।
बता दें कि तानाशाह ने देश के पूर्व नेता किम जोंग-इल (Kim Jong-il) की 10वीं पुण्यतिथि के मौके पर फरमान जारी करते हुए कहा है कि 11 दिनों तक मुल्क में कोई खुशी नहीं मनाएगा. राष्ट्रीय शोक के दौरान लोगों के हंसने-शराब पीने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार तानाशाह के फरमान के तहत उत्तर कोरियाई लोगों को 17 दिसंबर को किराने का सामान खरीदने की भी अनुमति नहीं है1 आदेश न मानने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात भी कही गई है। एक सूत्र ने बताया कि अतीत में राष्ट्रीय के दौरान शराब पीते या किसी भी तरह का नशा करते पकड़े गए लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस जिन लोगों को ले गई, उन्हें फिर कभी किसी ने नहीं देखा!
यहां तक कि कोरियाई राष्ट्रीय शोक के दौरान यदि किसी की मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को जोर से रोने की इजाजत नहीं होती. साथ ही इस अवधि में जिन लोगों के जन्मदिन आते हैं, वो भी उसे सेलिब्रेट नहीं कर सकते। कुल मिलाकर पूरे 11 दिनों तक लोगों को न चाहते हुए भी ऐसे दिखाना पड़ता है, जैसे वो गमगीन हैं। पूर्व में आदेशों का उल्लंघन करने वाले फिर कभी लौटकर नहीं आए. इससे पता चलता है कि या तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया या फिर किसी जेल में मरने के लिए छोड़ दिया गया।
राष्ट्रीय शोक के दौरान जो व्यक्ति गमगीन या उदास नजर नहीं आता, पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है। ये11 दिन की अवधि पुलिस अधिकारियों के लिए भी परेशानी भरी होती है, क्योंकि यदि कोई फरमान का उल्लंघन करते पाया जाता है, तो उनके लिए भी जवाब देना मुश्किल हो जाता है। इस डर से अधिकारी कई-कई दिनों तक सो नहीं पाते। सूत्र ने बताया कि सिटीजन ग्रुप्स और सरकारी कंपनियों से कहा गया है कि राष्ट्रीय शोक की अवधि में गरीब लोगों के खाने की व्यवस्था की जाए।
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के पूर्व नेता किम जोंग-इल ने 1994 से 17 दिसंबर, 2011 तक शासन किया था। उनकी मौत को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर हर साल पूर्व लीडर का बेटा किम जोंग-उन 11 दिनों तक जनता की खुशी को गम में बदल देता है।