भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former Chief Minister Digvijay Singh) ने कहा कि मध्य प्रदेश में (In Madhya Pradesh) मनरेगा योजना में (In MNREGA Scheme) व्यापक अनियमितता हो रही है (There are widespread Irregularities) । मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने वाली मनरेगा योजना में राज्य में गड़बड़ी और तय नियमों का उल्लंघन किए जाने का आरोप लगाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर मध्य प्रदेश में मनरेगा योजना में हो रही व्यापक अनियमितता से अवगत कराया, साथ ही इसमें हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यालय द्वारा शनिवार को दी गई जानकारी में बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि मध्यप्रदेश में मनरेगा योजना के तहत कार्यों में अनियमितता की गई है, जो कि भारत सरकार के राजपत्रित अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। उन्होंने बताया कि व्यवस्था के अनुसार मनरेगा योजनान्तर्गत कराये जाने वाले कार्यों में व्यय की दृष्टि से श्रम सामग्री का अनुपात 60-40 जनपद स्तर पर रखे जाने का प्रावधान है।
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि अधिनियम में 60 प्रतिशत मजदूरी का प्रावधान इसलिए किया गया था कि गांव में रहते हुए मजदूरों को अधिकतम कार्य मिल सके और पलायन रुक सके, मध्यप्रदेश में इसका पालन नहीं किया जा रहा है। नियमों का उल्लंघन किए जाने की बात का जिक्र करते तो उन्होने कहा वर्ष 2022-23 में 21 जिलों में, 2023-24 में 16 जिलों में एवं इसके अतिरिक्त 2024-25 में प्रदेश के 25 जिलों में इस प्रावधान का खुला उल्लंघन हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए लिखा कि इस वजह से ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा मिल रहा है और सामग्री के फर्जी बिल वाउचर पर भुगतान हो रहा है। इस तरह की अनियमितता से मजदूरों के अधिकार पर कुठाराघात हो रहा है। यह एक अत्यंत गंभीर प्रकरण है जो कि अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के विरुद्ध है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि वे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करके दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करें, जिससे मजदूरों के हितों की रक्षा हो सके।
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