- नेशनल हेल्थ मिशन की स्क्रीनिंग में आंकड़े आए सामने
उज्जैन। उज्जैन में हाइपरटेंशन के करीब 55 हजार और डायबिटीज के 25 हजार मरीज मिले हैं। यह आंकड़ा नेशनल हेल्थ मिशन की स्क्रीनिंग में सामने आया है। चिंता की बात यह है कि डायबिटीज और हाइपरटेंशन से लोगों में स्ट्रोक और हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ रहा हैं।
डॉ. रौनक एलची ने बताया कि उज्जैन में डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 2 साल से जारी नेशनल हेल्थ मिशन अभियान के तहत अभी तक जिले में कुल 8 लाख 46 हजार 710 लोग चिन्हित किए गए। इसमें से 6 लाख 35 हजार 431 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें डायबिटीज के 25 हजार 50 पीडि़त मरीज तो हाइपरटेंशन के करीब 55 हजार मरीज मिले हैं। करीब पाँच हजार लोग ऐसे हैं जिनमें डायबिटीज और हाइपरटेंशन दोनों की शिकायत है। डायबिटीज की बीमारी महिलाओं और पुरुषों में बराबरी से बढ़ रही है। शुरुआती उम्र में महिलाओं में कम और पुरुषों में मधुमेह की समस्या ज्यादा हो रही है, लेकिन समय के हिसाब से दोनों में ही यह बीमारी बढ़ रही है। डायबिटीज की वजह से सिर से लेकर पैर तक असर होता है। उज्जैन में बीपी और शुगर के मरीजों की संख्या क्यों बढ़ रही है? अग्निबाण ने जब इसकी पड़ताल की तो ये बात सामने आई कि इसका सबसे बड़ा कारण है, बदलती लाइफ स्टाइल और खान पान हैं। वहीं डॉक्टरों के मुताबिक हाइपरटेंशन और डायबिटीज दोनों को रोकने और उनका इलाज करने में पहला कदम स्वस्थ जीवनशैली में बदलाव करना है। इसका मतलब है कि अच्छा खाना, नियमित व्यायाम करना और शराब और धूम्रपान का सेवन कम करना। जब जीवनशैली में बदलाव आपके रक्तचाप को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं, तो दवाएँ मदद कर सकती हैं।
वर्तमान आंकड़ों पर एक नजर
- चिन्हित लोग-846710
- स्क्रीनिंग-635431
- हाइपरटेंशन- 55146
- डायबिटीज-25050