भोपाल। प्रदेश में जमीनों की रजिस्ट्री (Registry) पर लगने वाला शुल्क 20 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी है। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की वजह से सरकार (Government) फिलहाल बढ़ी हुई दरें लागू नहीं कर रही है। सरकार (Government) ने पुरानी दरों पर रजिस्टी्र शुल्क (Register Fee) वसूलने की छूट 31 जुलाई तक बढ़ाई थी। अब आगामी निकाय चुनाव को देखते हुए एक बार फिर छूट बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में रजिस्ट्री शुल्क (Register Fee) बढ़ाने का फैसला फिर टल सकता है। अगल एक-दो दिन के भीतर इसके आदेश जारी हो सकते हैं।
प्रस्तावित गाइडलाइन में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत प्रदेश की सवा लाख लोकेशन पर 5 से 40 फीसदी तक गाइडलाइन बढ़ाने की बात शामिल है। भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट की वजह से कलेक्टर गाइडलाइन (बाजार दर) 40 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसे लेकर जून में मूल्यांकन बोर्ड की बैठक भी हो चुकी है। प्रेजेंटेशन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हरी झंडी का इंतजार था। हालांकि, सरकार ने गाइडलाइन के फैसले का टाल दिया था। 31 जुलाई तक मौजूदा गाइडलाइन ही यथावत रखने का निर्णय लिया था। वाणिज्यिक कर विभाग ने 29 जून को 31 जुलाई तक पुरानी दरों पर ही प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री किए जाने का आदेश जारी किया था। चूंकि, जुलाई माह खत्म होने में 5 दिन ही शेष हैं। ऐसे में संभावना है, सरकार मौजूदा गाइडलाइन को आगे जारी रखने या फिर नई गाइडलाइन को लागू रखने का फैसला ले सकती है।
नगरीय निकाय चुनाव की वजह से मिल सकती है राहत
जानकार बताते हैं कि आगामी दिनों में नगरीय निकाय चुनाव हो सकते हैं। चूंकि, गाइडलाइन बढऩे से उसका असर शहरी लोगों पर ज्यादा होना है, इसलिए सरकार नगरीय निकाय के चुनाव तक मौजूदा गाइडलाइन ही जारी रख सकती है। बता दें, वर्ष 2015-16 में सरकार ने 4 फीसदी बढ़ोतरी की थी। वहीं, 2019-20 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने गाइडलाइन 20 फीसदी तक इस उम्मीद में घटा दी थी कि मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट में फिर बूम आएगा। हालांकि साल 2016-17 से अब तक सरकार स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी करती रही है। इस साल बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है।
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