भोपाल। प्रदेश सरकार ने एक बार फिर मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन (द्वितीय) अध्यादेश जारी कर दिया है। इससे पंचायतों का परिसीमन नए सिरे से किया जाएगा। इसमें अधिनियम की धारा दस में यह प्रावधान किया गया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा परिसीमन के 18 माह में यदि चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है, तो वह निरस्त समझा जाएगा। इस अध्यादेश पर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक बार फिर अध्यादेश लाकर पंचायत चुनाव को कोर्ट में उलझाना चाहती है। तन्खा ने ट्वीट पर लिखा कि ‘मप्र भाजपा पचंायत चुनाव, फिर एक अविश्वसनीय कदम। शासन द्वारा 2019-20 में परिसीमन एवं विभगा कार्य पूर्ण कर और जिसके विरुद्ध हाईकोर्ट में चुनौती भी अस्वीकार हो चुकी थी, को एक बार फिर रद्द कर नए सिरे से परिसीमन करने का संशोधन अध्यादेश 30 दिसंबर केा अधिसूचित कर, पंचायत में विलंब करने की कानूनी पेच। क्या भाजपा का न्यायालय के निर्णय से विश्वास उठ चुका है। या भाजपा सरकार का उद्देश्य कुछ और है।
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