भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भाजपा लगातार बैठकें कर समीक्षा कर रही है जिसमें अब कमजोर कड़ियों की परतें खुल रही हैं। सत्ता का रास्ता बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवा मोर्चा और महिला मोर्चा कमजोर कड़ी के रूप में सामने आए हैं जिसका खुलासा संगठन की बैठक में हुआ है। इसको लेकर संगठन के जिम्मेदारों ने जमकर नाराजगी जताई और निश्चित समय सीमा में उन्हें बांधते हुए टारगेट दे दिया है।
भाजपा की पांचवीं बार सरकार बनाने की कोशिशों के लिए संगठन स्तर पर तैयारियों की समीक्षा तेज हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोर्चा और प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की बैठक की तो यह सामने आया कि युवा मोर्चा-महिला मोर्चा कमजोर कड़ी बने हुए हैं। बताया जाता है कि इन मोर्चों के मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है। इसको लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी जताई और उन्हें 20 मई तक का समय दिया है।
कार्यकारिणी बनाने और भंग करने पर भी आड़े हाथों लिया
सूत्र बताते हैं कि युवा और महिला मोर्चा पार्टी नेताओं के निशाने पर इसलिए भी रहे कि उनकी कार्यकारिणी के गठन और भंग होने पर सवाल खड़े हुए हैं। कहा गया कि आप लोग सुबह कार्यकारिणी बनाते हो और शाम को भंग कर देते हो। ऐसे चुनाव की तैयारियों के लिए कब समय मिलेगा।
दस फीसदी वोट बढ़ाने पर फोकस
भाजपा के 19 प्रकोष्ठों और सात मोर्चों की यह बैठक शनिवार को दिनभर चली थी जिसमें विधानसभा और लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत में 10 फीसदी वृद्धि पर फोकस किया गया। पदाधिकारियों ने पार्टी का 51 फीसदी वोट करने की बात भी कही। बैठक में सभी नेताओं से सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए।
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