नई दिल्ली। हरियाणा (Haryana) का रहने वाला मुकेश डंकी रूट (अवैध रूप से) से रूस पहुंचा था। एजेंटों ने उसे नौकरी का झांसा और रशियन लड़की से शादी (marry a russian girl) कराने का वादा किया था। लेकिन वहां उसे रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) जंग लड़ने के लिए मजबूर किया गया। किसी तरह वह इंडिया लौटा है, जहां उसने अपनी आपबीती मीडिया में बताई है।
मुकेश अपने चचेरे भाई सन्नी के साथ रूस से भारत लौटा है। मीडिया को दिए बयानों में उसने बताया कि उसके साथ रूस में करीब 300 भारतीय थे। उसका दावा है कि सभी को एजेंटों ने नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये के एवज में रूस भेजा है। उसने कहा कि विदेश जाने और पैसे कमाने के लिए नौकरी की तलाश में वह किसी तरह एजेंटों के संपर्क में आया।
मुकेश ने कहा कि एजेंटों ने उसे डंकी रूट से जर्मनी पहुंचाने का वादा किया लेकिन इससे पहले उसे सितंबर 2023 में बैंकॉक भेज दिया गया। बैंकॉक में एजेंटों के साथियों (डोनरों) ने उसे बंधक बना लिया और विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की और उसे सिगरेट से दागा। इसके अलावा उसे और उसके भाई को जंगल में रखा। आरोप है कि डोनरों ने परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की और 10 लाख रुपये फिरौती वसूली। उसने कहा कि परिजनों ने जमीन बेचकर किसी तरह यह रकम जुटाई थी।
मुकेश ने कहा कि वह 16 दिन जंगल में रहा, जहां उसे खाने को कुछ नहीं दिया गया। इसके बाद उसे जबरन रूस की सेना की तरफ से यूक्रेन के साथ जंग में शामिल होने को मजबूर किया। ऐसा करने से मना करने पर उसे 10 साल के लिए जेल में डालने की धमकी दी। उसने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के दौरान दो भारतीयों की मौत हो गई। बता दें रूस में फंसे भारतीयों ने किसी तरह मॉस्को में भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया था। जिसके बाद रूसी सेना में काम करने वाले कुछ लोग वापस इंडिया लौटे हैं।
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