नई दिल्ली: दुनिया (world) के सबसे बड़े निवेशकों (Investor) में से एक रे डालियो (Ray Dalio) ने एक बार फिर से भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तारीफ की है. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत का डेंग जियाओपिंग (Deng Xiaoping) कहा है. उन्होंने कहा कि असमानता और कम मैन्युफैक्चरिंग बेस के बावजूद, भारत में ग्लोबल इकोनॉमिक महाशक्ति बनने की क्षमता है. फॉर्च्यून इंडिया के साथ बातचीत में, डैलियो ने ग्लोबल पॉवर्स के बीच संबंधों को संतुलित करने की भारत की क्षमता और मैन्युफैक्चरिंग से ज्यादा सर्विसेज में अपनी ताकत का लाभ उठाने के महत्व पर अपने विचार साझा किए.
उन्होंने कहा कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग के मोर्चे पर चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत का ध्यान घरेलू शिक्षा और उत्पादकता में सुधार और इंटरनेशनल लेवल पर इंटलेक्चुअल पॉवर का लाभ उठाने पर होना चाहिए. मौजूदा समय में दुनिया में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 3 फीसदी है, जबकि चीन की हिस्सेदारी 30 फीसदी से ज्यादा है. आपको बता दें कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया चीन प्लस मॉडल पर चल रही है. जिसकी वजह से कई कंपनियां चीन के विकल्प के तौर पर भारत की ओर देखना शुरू कर दिया है. एपल भारत में अपने पांव पसार रहा है. सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में कई कंपनियां भारत में निवेश करने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा मौजूदा समय में भारत वहीं खड़ा हुआ है जहां 40 साल पहले चीन था. उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब वो 40 साल पहले पहली बार चीन गए थे, तब डेंग जियाओपिंग के सत्ता में आ चुके थे. मौजूदा समय नरेंद्र मोदी भी भारत के लिए वैसा ही काम कर रहे थे, जैसे चीन के लिए डेंग जियाओपिंग ने किया था. इसलिए वो नरेंद्र मोदी को भारत का डेंग जियाओपिंग मानते हैं. उन्होंने कहा कि यदि मैं 40 साल छोटा होता, तो मैं भारत के बाजार को लेकर समझ विकसित करता और उनके विकास में योगदान देता, जैसा कि मैंने चीन में किया था. दूसरे शब्दों में कहें तो, मेरा मानना है कि भारत अगले 40 वर्षों में गहरी समझ बनाने और योगदान करने के लिए एक बेहतरीन जगह है.
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