img-fluid

दुनिया देखेगी भारत की समुद्री ताकत, राजनाथ सिंह आज मुंबई में करेंगे दो स्वदेशी युद्धपोतों की लॉन्चिंग

May 17, 2022


मुंबई। स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के क्षेत्र में भारत के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। दरअसल, आज मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में दो स्वदेशी युद्धपोत लॉन्च किए जाएंगे और इस दौरान खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वहां मौजूद रहेंगे। भारतीय वायुसेना युद्धपोत आईएनएस सूरत (यार्ड 12707) और आईएनएस उदयगिरी (यार्ड 12652) के जरिए पूरी दुनिया को अपनी समुद्री ताकत दिखाएगी। दोनों ही युद्धपोतों का डिजाइन नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया है।

दोनों ही युद्धपोत स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक
फ्रंटलाइन युद्धपोत ‘सूरत’ (प्रोजेक्ट 15बी डिस्ट्रॉयर) और ‘उदयगिरी’ (प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट) अगली पीढ़ी के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक हैं। आईएनएस सूरत प्रोजेक्ट 15बी का चौथा युद्धपोत और प्रोजेक्ट 15ए यानि कोलकता-क्लास डेस्ट्रोयर युद्धपोत के मुकाबले एक बड़ा मेकओवर है। युद्धपोत सूरत को ब्लॉक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है और इसका नाम गुजरात की वाणिज्यिक-राजधानी सूरत के नाम पर रखा गया है। सूरत को मुंबई के बाद पश्चिमी भारत का दूसरा सबसे बड़ा कॉमर्शियिल-हब माना जाता है।


युद्धपोत ‘उदयगिरी’ की खूबियां
युद्धपोत ‘उदयगिरी’ (फ्रिगेट), जिसका नाम आंध्र प्रदेश में पर्वत श्रृंखलाओं के नाम पर रखा गया है, प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स के तहत तीसरा जहाज है। यह उन्नत हथियारों, सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है। यह युद्धपोत उदयगिरी के पिछले संस्करण का दूसरा रूप है जिसने 18 फरवरी 1976 से 24 अगस्त 2007 तक तीन दशकों की अपनी सेवा में कई चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन देखे।

वर्तमान में 50 से अधिक जहाज और पनडुब्बियां बन रहीं
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में 50 से अधिक जहाज और पनडुब्बियां बन रही हैं, और भारतीय नौसेना में लगभग 150 जहाज और पनडुब्बियां पहले से ही शामिल हैं। आत्मनिर्भरता पर बोलते हुए, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने दिसंबर 2021 में कहा था कि पिछले सात वर्षों में, नौसेना में शामिल सभी 28 जहाजों और पनडुब्बियों का निर्माण भारत द्वारा किया गया।

Share:

महादेव के दर्शन से पहले क्‍यों मिलती है नंदी की मूर्ती? जानें इसके पीछे का रहस्य

Tue May 17 , 2022
नई दिल्‍ली। नंदी भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) के वाहन हैं, उन्हें भगावन भोलेनाथ का द्वारपाल भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा प्राप्त करनी है तो उनकी सवारी नंदी को खुश करना जरूरी है। आपने देखा होगा कि लोग मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन से पहले नंदी के आगे […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
बुधवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved