नदी में तैरते सोलर पैनल लगाने का काम शुरू, तीन महीने में बिजली उत्पादन होगा
इंदौर, कमलेश्वर सिंह सिसौदिया।
सौर ऊर्जा (Solar Energy) को शासन बहुत ही गंभीरता, सजगता और संवेदनशीलता के साथ प्रोत्साहित कर रहा है। संभाग के ओंकारेश्वर (Omkareshwar) में नर्मदा (Narmada) के बांध के बैक वाटर पर विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट आकार ले रहा है। फ्लोटिंग पैनल्स भी इंदौर में बने हैं।
मध्यप्रदेश ऊर्जा व नवकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि विदिशा जिले के सांची को भारत की पहली सोलर सिटी बनाया है। नीमच जिले के सिंगोली के पास बड़ावदा, कवई, बड़ी में कुल 500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क बन रहे हैं। आगर जिले के सुसनेर क्षेत्र के उमरिया और पिपल्या कुमार में 350 व 200 मेगावाट के सोलर पार्क बन रहे हैं। शाजापुर जिले के मोमन बड़ोदिया क्षेत्र में 325 मेगावाट की दो इकाइयां आकार ले रही हैं। इन सोलर पार्क से उच्च स्तर के ग्रिडों में बिजली का प्रवाह सितंबर-अक्टूबर से पहले होने लगेगा। दुबे ने बताया कि ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के बैक वाटर पर फ्लोटिंग सोलर पार्क तैयार किया जा रहा है। यह फ्लोटिंग सोलर पार्क विश्व में सबसे बड़ा होगा। इस पार्क से नर्मदा के जल का वाष्पीकरण भी उस सतह पर 70 प्रतिशत तक रुकेगा और किसानों को पहले की तुलना में ज्यादा जल मिलेगा। वाष्पीकरण से रुकने वाले जल से करीब एक लाख एकड़ में सिंचाई हो सकती है। इसी के साथ जल के ऊपर तैरती पैनल्स से प्रदेश रोशन होगा। पहले चरण में ओंकारेश्वर के पास बैक वाटर पर 600 मेगावाट क्षमता की पैनल्स लगेंगी। बैक वाटर के पुनासा क्षेत्र में फ्लोटिंग सोलर पैनल्स के स्टैंड पर सोलर पैनल्स को तैरती अवस्था में स्थापित करने का काम शुरू किया है। तीन-चार माह में प्रथम चरण के बिजली का उत्पादन शुरू होगा।
ट्रांसफॉर्मर, इनवर्टर, बिजली उपकरण भी पानी में
नदी के अंदर सीमेंट के प्लेटफॉर्म पर ट्रांसफॉर्मर, इनवर्टर और अन्य उपकरण लग रहे हैं। अपनी तरह के इस अनोखे काम को करने के लिए खास तैयारियां भी की जा रही हैं। हाईड्रोलिक प्रेशर मशीन से गोताखोर जमीन के नीचे ऑटोमैटिक स्प्रिंग लग रहे हैं, जो पानी के ऊपर सोलर पैनल को विपरीत मौसम में संतुलित बनाए रखेगी।
3000 करोड़ का प्रोजेक्ट
550 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। पहले चरण में 278 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से बनाने का काम शुरू हो गया है, जिसमें तीन कंपनियां भागीदारी कर रही हैं, वहीं तीन और कंपनियों की टेंडर प्रक्रिया चल रही है। तकरीबन 3000 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली बिजली को ऊर्जा विभाग खरीदेगा।
पीर कराडिय़ा में बन रहे पैनल
सोलर पैनल का निर्माण भी इंदौर जिले के पीर कराडिय़ा (शिप्रा ब्रिज के समीप) हो रहा है। यहां पर सौर ऊर्जा की प्लेट बनाने की छोटी- बड़ी इकाइयां हैं।
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