नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) में हिंदू मंदिर (hindu temple) बनाया जा रहा है. इस मंदिर का नाम बीएपीएस (BAPS) मंदिर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 14 फरवरी को इस मंदिर का उद्घाटन (Inauguration) करेंगे. इस बीच मंदिर का दौरा करने के लिए 42 देशों के करीब 60 से ज्यादा राजदूत और राजनयिक (Ambassadors and Diplomats) मंदिर परिसर में पहुंचे. इस दौरान सभी राजदूतों ने मंदिर के निर्माण की जमकर तारीफ की.
इस मंदिर को देखने आए लोगों का दुबई (Dubai) में जोरदार स्वागत किया गया. सभी को माला पहनाकर उनके हाथ में धागा भी बांधा गया. इस दौरान यहां बीएपीएस मंदिर परियोजना के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास (Swami Brahmaviharidas) भी मौजूद थे. बीएपीएस मंदिर संयुक्त अरब अमीरात में बनने वाला पहला हिंदू मंदिर है. जिस पर शानदार नक्काशी का काम किया गया है, जो देखने में बेहद खूबसूरत है.
स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने बताया ऐतिहासिक महत्व
स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने सभी राजदूतों को मंदिर के ऐतिहासिक महत्व और निर्माण प्रक्रिया के बारे में बताया. संजय सुधीर भारतीय राजदूत के तौर पर शामिल हुए हैं. उन्होंने सभी मेहमानों के आने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कियह असंभव लग रहा था, लेकिन अब यह सपना वास्तव में हकीकत बनता दिख रहा है. यह कार्यक्रम संयुक्त अरब अमीरात में इंडियन एंबेसी की ओर से आयोजित किया गया था.
राजदूतों ने की मंदिर की तारीफ
इस दौरान नेपाल के राजदूत तेज बहादुर छेत्री ने मंदिर की तारीफ करते हुए कहा कि ये मंदिर प्रेरणादायक है जो लोगों को प्रेम, सद्भाव और सहिष्णुता के बारे में सिखाता है. उन्होंने कहा कि ये मंदरि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उपहार होगा. कनाडा के राजदूत राधा कृष्ण पांडे ने भी मंदिर की डिजाइन उसकी कलात्मका की तारीफ की. उन्होंने कहा कि ये मंदिर काफी आकर्षक है. इसके साथ ही कनाडा के राजदूत ने मंदिर के निर्माण के लिए महंत स्वामी का धन्यवाद किया.
मंदिर में सभी धर्मों के चित्रों का निर्माण
यूनाइटेड किंगडम के उप राजदूत जोनाथन नाइट ने मंदिर का दौरा करने के बाद कहा कि ऐसे मंदिर को देखना अपने आप में बेहद अद्भुत है, जिसमें एक साथ कई सारे धर्मों के ऐसे चित्र बनाए गए हैं, जो कि सदियों तक चलेंगे. वो उम्मीद करते हैं कि यह मंदिर घर से दूर एक घर का अनुभव देगा. सिंगापुर के राजदूत कमल आर वासवानी ने मंदिर को मानवीय भावना का प्रमाण बताया, उन्होंने कहा कि हम सभी के बीच कई समानताएं हैं, मंदिर के आसपास दर्शाए गए मूल्य कई अलग-अलग धर्मों, संस्कृतियों और आस्थाओं के बीच साझा हैं. यह इस बात का प्रतीक है कि हम शांति और सद्भाव के साथ कैसे रह सकते हैं.
इन देशों से आए मेहमान
आपको बता दें कि इस मंदिर का दौरा करने वाले राजदूतों और वरिष्ठ राजनयिकों में अर्जेंटीना, आर्मेनिया, बहरीन, बांग्लादेश, बोस्निया और हर्जेगोविना, कनाडा, चाड, चिली, साइप्रस, चेक गणराज्य, डोमिनिकन गणराज्य, मिस्र, यूरोपीय संघ, फिजी, गाम्बिया, जर्मनी के राजदूत और वरिष्ठ राजनयिक शामिल हैं. साथ ही घाना, आयरलैंड, इज़राइल, इटली, मोल्दोवा, मोंटेनेग्रो, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, नाइजीरिया, पनामा, फिलीपींस, पोलैंड, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका, स्वीडन, सीरिया, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूके, अमेरिका, जिम्बाब्वे और जाम्बिया के राजदूत और राजनयिक शामिल हुए थे. सभी राजनेताओं को बच्चों के हाथों से बना एक खूबसूरत पत्थर दिया गया है. जिस पर मंदिर की आकृति बनी है.
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