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कल से सचिवालय में बदल जाएगा कामकाज का ढर्रा

December 31, 2024

  • 1 जनवरी से ई-ऑफिस पर चलेंगी फाइलें, सिलसिलेवार ऑनलाइन होंगे कार्यालय

भोपाल। मप्र सरकार नए साल में पूरी तरह से ऑनलाइनल मोड में आने की तैयारी कर रही है। इसकी शुरूआत मंत्रालय से होने जा रही हैं। मंत्रालय में 1 जनवरी से ही कामकाज का ढर्रा पूरी तरह से बदल जाएगा। सभी फाइलें ई-ऑफिस प्रणाली पर चलेंगी। इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे पहले सामान्य प्रशासन विभाग सभी कर्मचारी, अधिकारियों को प्रशिक्षित करा चुका है। साथ ही उपकरणों का सेटअप तैयार भी किया जा रहा है। अगले चरणों में सिललिसेवार विभागाध्यक्ष, संभागस्तरीय और फिर जिला एवं तहसील स्तर पर ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जाएगी।


प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर 2025 में मंत्रालय से लेकर तहसील स्तर के कार्यालय ई-ऑफिस पर शुरू हो जाएंगे। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने अपने 3 महीने के कार्यकाल में प्रशासनिक सुधार की दृष्टि से ई-ऑफिस प्रणाली को सख्ती से लागू करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्य सचिव ने पिछले महीने नवंबर में ही आदेश जारी कर दिए थे कि 1 जनवरी से मंत्रालय में हर हाल में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जाए। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने ई-ऑफिस के पुराने वर्जन में कुछ करते हुए 1 जनवरी 2025 से मंत्रालय में ई-ऑफिस का नया वर्जन 7. लागू होगा। जिसमें फाइल पीडीएफ फार्मेट में ही जमा होगी। सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव दिलीप कापसे ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि 1 जनवरी से मंत्रालय में ई-ऑफिस के नए संस्करण का उपयोग किया जाना है। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। 1 जनवरी से शुरू करना है।

मंत्रालय में स्कैनर, कंप्यूटर पुराने
ई-ऑफिस के लिए मंत्रालय में ज्यादातर विभागों के पास पहले से ही स्कैनर और उच्च गुणवत्ता के कंप्युटर उपलब्ध हैं। 6 साल पहले ही सभी विभागों को ई-ऑफिस के लिए उपकरण मुहैया करवा दिए थे। हालांकि बाद में ज्यादातर विभाग ऑफलाइन मोड में आ गए। इस वजह से स्कैनर धूल खा रहे है। अब फिर से ई-ऑफिस प्रणाली शुरू होने से स्कैनर एवं अन्य उपकरणों से धूल साफ की जा रही है।

ई-ऑफिस में अन्य राज्यों से पिछड़ा मप्र
यूं तो मप्र सरकार ने मंत्रालय में ई-ऑफिस प्रणाली की शुरूआत जून 2017 में ही कर दी थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के ढुलमुल रवैए की वजह से ई-ऑफिस खानापूर्ति बना रहा। जबकि नस्तियां ऑफलाइन ही चलती रहीं। खास बात यह है कि इस बीच 5 मुख्य सचिव बीपी सिंह, एसआर मोहंती, गोपाल रेड्डी, इकबाल सिंह बैंस और वीरा राणा समेत 3 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ और फिर शिवराज सिंह चौहान बदल चुके,्र लेकिन किसी ने भी सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को सख्ती से लागू करने में रुचि नहीं दिखाई। जून 2017 में जब पहली मंत्रालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई थी। तब मुख्य सचिव बीपी सिंह थे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसकी शुरूआत की थी। साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग ने कैलेंडर जारी किया था कि अगले चरणों में विभागाध्यक्ष फिर संभागायुक्त और जिला कलेक्टर कार्यालय ई-ऑफिस से जुड़ेेंगे। लेकिन प्रशासनिक अरुचि की वजह से मप्र ई-ऑफिस में पिछड़ गया। हालांकि उस समय ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने वाले राज्य आगे निकल गए। इनमें से उप्र प्रमुख राज्य है।

 

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