उज्जैन। 12 से 14 साल उम्र के बच्चों के वैक्सीनेशन का अभियान एक माह पहले जिले में शुरु हुआ था। शुरुआती दिनों में बच्चों ने बढ़-चढ़कर वैक्सीन के डोज स्कूलों में लगवाए लेकिन अब छुट्टियाँ और परीक्षाओं के कारण स्कूलों में बच्चे कम आने लगे हैं। इस वजह से इस आयु वर्ग के बच्चों का वैक्सीनेशन अभियान कमजोर पडऩे लगा है। उल्लेखनीय है कि जिले में 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों का वैक्सीनेशन अभियान पिछले साल दिसंबर तक चला था और इस अभियान में इस आयु वर्ग के लगभग 93 प्रतिशत से ज्यादा लोग पूरे जिले में वैक्सीन का पहला और दूसरा डोज लगवा चुके थे। इसके बाद जनवरी के महीने से 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण शुरु किया गया था। इस अभियान के परिणाम भी जिले में संतोषजनक रहे थे।
परंतु 16 मार्च के बाद शुरु हुए 12 से 14 वर्ष तक के आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरुआत में तेजी से हुआ था। इसके लिए पूरे जिले में 169 टीकाकरण केन्द्र चुनिंदा स्कूलों में बनाए गए। उज्जैन शहर के लिए भी 20 स्कूलों में सेंटर स्थापित किए गए थे। यहाँ अभी भी बच्चों को वैक्सीन लगाने का अभियान चल रहा है। इधर स्कूलों में अभी परीक्षाओं का दौर शुरु हो गया है। इस कारण स्कूलों में अवकाश शुरु नहीं होने के बावजूद कम संख्या में बच्चे पहुँच रहे हैं। इसका असर वैक्सीनेशन अभियान पर साफ नजर आ रहा है।
अब तक 44 हजार 671 को लगा डोज
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. के.सी. परमार के मुताबिक जिले में 12 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों की संख्या 78 हजार 260 के अनुसार इतने टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया था। अभियान के आरंभिक दिनों में लगभग 40 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो गया था और उन्हें पहला डोज लग गया था। इसी के साथ कल शाम तक 78 हजार 260 बच्चों में से 44 हजार 671 को वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 12 से 14 वर्ष तक के आयु समूह के टीकाकरण का अभी तक 57.1 प्रतिशत टीकाकरण हो चुका है।
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