उज्जैन। 50 वर्षों से भी अधिक समय से कोठी पैलेस में न्यायालय, संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर कार्यालय का संचालन किया जा रहा था, इसके स्थान पर नया भवन लगभग तैयार हो गया है और तीन माह में पूर्ण हो जाएगा। कोठी भवन को हैरिटेज बिल्डिंग बना दिया जाएगा। पीआईयू के अधिकारी जतिन सिंह चुंडावत ने बताया कि नए कलेक्टोरेट भवन का निर्माण लोक निर्माण विभाग की पब्लिक इम्प्लीमेंटेशन यूनिट (पीआइयू) ने 27 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है। ग्राउंड प्लस 3, भवन चार मंजिला है। कलेक्ट्रेट भवन लगभग 15 हजार स्क्वेयर मीटर क्षेत्रफल में बन रहा है और लगभग इसका निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है। अगले दो-तीन माह में भवन का निर्माण कार्य पूर्ण होकर इसका लोकार्पण किया जा सकता है। पूरा भवन आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, वहीं वाहन पार्किंग के लिए भी अच्छी खासी जगह छोड़ी गई है।
इस भवन के एक फ्लोर पर तहसील कार्यालय, दूसरे फ्लोर पर कलेक्टर कार्यालय और तीसरे फ्लोर पर संभागायुक्त कार्यालय संचालित होगा। राजस्व और अनुमति से जुड़े सारे प्रकरण एक ही छत के नीचे निपटाये जा सकेंगे। कोठी पैलेस सिंधिया स्टेट के समय बनाया गया था। राजाओं की मेहमान नवाजी के लिए कोठी पैलेस का उपयोग किया जाता था। कहा जाता है कि बाबा महाकाल उज्जैन के राजा कहलाते हैं और ऐतिहासिक परंपरा है कि उज्जैन शहर में कोई भी राजा रात नहीं रुक सकता जिसके चलते उज्जैन शहर से बाहर इस महल को राजाओं के ठहरने के लिए बनवाया गया था। लगभग 100 वर्ष पूर्व बने कोठी पैलेस को अब हेरिटेज बिल्डिंग के रूप में विकसित किया जाएगा एवं उज्जैन में आने वाले पर्यटकों को ऐतिहासिक धरोहर कोठी पैलेस की सैर कराई जाएगी और इसके ऐतिहासिक महत्व की संपूर्ण जानकारी पर्यटकों को दी जाएगी।
आए दिन छत का प्लास्टर गिरता था कोठी भवन का
समय रहते नया भवन बन रहा है, यह अच्छी बात है और पूर्व में कई बार कोठी पैलेस का प्लास्टर उखड़ चुका है और लोग जख्मी भी हुए। यह भवन अंग्रेजों के समय बना था और अब इसे पुरानी विरासत के रूप में सजा दिया जाएगा। आज भी अंदर के कक्षों में पुराने महल की याद ताजा होती है। सिंधिया रियासत के समय इस महल का उपयोग होता था।
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