इन्दौर। शहर के पश्चिम क्षेत्र स्थित श्री रणजीत हनुमान मंदिर(Ranjit Hanuman temple ) में चांदी (silver) के गर्भगृह और द्वार (gate) के निर्माण के बाद मंदिर का गर्भगृह एक अलग ही स्वरूप में नजर आएगा। कारीगरों ने यहां लकड़ी के काम की शुरुआत दो महीने पहले ही कर दी है। 15 दिन में तोरण द्वार का काम पूरा हो जाएगा, जिसके बाद चांदी का काम शुरू होगा। संभवत: अगस्त अंत तक गर्भगृह नए स्वरूप में भक्तों को नजर आने लगेगा। तोरण द्वार का काम सागवान की लकड़ी (teak wood) से पंजाब के कारीगर कर रहे हैं। काम लगभग अंतिम दौर में हैं और इसे होने में 15 दिन का समय और लग जाएगा।
मंदिर काफी प्राचीन है और यहां को लेकर कई मान्यताएं भी है, जिसके चलते बाबा रणजीत के भक्तों की संख्या भी लाखों में है। मंदिर में सौंदर्यीकरण के कुछ कामों के साथ ही गर्भगृह और द्वार को चांदी से बनाया जा रहा है। गर्भगृह में पहले सागवान की लकड़ी का काम होगा और फिर उसपर चांदी की परत चढ़ाई जाएगी। चांदी के काम भी नक्काशीदार होगा। श्री रणजीत हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पं दीपेश व्यास ने बताया कि 15 दिन के बाद जल्दी ही चांदी का काम शुरू कर देंगे, पूरी कोशिश है कि अगस्त के अंत तक काम पूरा हो जाए।
राजस्थान के कलाकार करेंगे चांदी का श्रृंगार
चांदी के काम के लिए फिलहाल मंदिर के पास 160 किलो चांदी विभिन्न भक्त दानदाताओं के माध्यम से एकत्रित हो चुकी है, लेकिन अभी भी करीब 300 किलो चांदी की ओर आवश्यकता बताई जा रही है। चांदी का काम शुरू होते ही मंदिर को दान में और चांदी मिलने उम्मीद है। चांदी का काम राजस्थान के चुरू के कारीगर माणिकचंद जांगीड़ व उनके साथी करेंगे। चांदी के काम के लिए उन्होंने मंदिर से 20 दिन का समय मांगा है।
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