इंदौर (Indore)। रेलवे (railway) ने करीब ढाई साल के इंतजार के बाद इंदौर-दाहोद रेल लाइन की बंद पड़ी सुरंग में भरा बरसाती पानी निकालने की शुरुआत कर दी है। यह सुरंग टीही स्टेशन के आगे पीथमपुर की तरफ बनना है। कोरोना के कारण रेल मंत्रालय ने इंदौर-दाहोद प्रोजेक्ट के सभी कार्यों पर रोक लगा दी थी, जिसमें सुरंग का काम भी शामिल था। अब यही काम दोबारा शुरू करने की कवायद हो रही है।
इस सुरंग की लंबाई करीब तीन किलोमीटर है। इसके निर्माण पर करीब 193 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की जा रही है। फिलहाल मोटरों की मदद से सुरंग में जगह-जगह भरा बरसाती पानी निकालने का काम किया जा रहा है। उसके बाद सुरंग के बचे हुए काम होंगे, जिनकी लागत 110 करोड़ रुपए आंकी गई है। रेलवे सूत्रों के अनुसार सुरंग का काम पूरा होने में कम से कम एक साल का वक्त जरूर लगेगा।
आगामी मानसून सीजन में भी पूरी सावधानी से काम करना होगा और बरसाती पानी सुरंग में घुसने से रोकने के लिए कांट्रेक्टर कंपनी को इंतजाम करना होंगे। पश्चिम रेलवे इंदौर के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना ने बताया कि सुरंग के आसपास साफ-सफाई करने के साथ उसमें भरा पानी निकालने का काम शुरू हो गया है। जल्द ही मौके पर निर्माण गतिविधियां दिखाई देने लगेंगी। ठेकेदार कंपनी फिलहाल मशीनों और मजदूरों की व्यवस्था कर रही है।
इंदौर-धार लाइन की राह होगी आसान
टीही-पीथमपुर के बीच सुरंग बनने से पहली बार इंदौर से धार का रेल कनेक्शन जुड़ जाएगा। सुरंग के आगे गुणावद और उससे आगे धार की ओर भी रेल लाइन बिछाने के लिए अर्थवर्क और पुल-पुलियाओं के फाउंडेशन वर्क की शुरुआत हो गई है। कोशिश है कि दिसंबर-23 से मार्च-24 के बीच धार तक रेल लाइन संबंधी सभी बड़े काम पूरे कर दिए जाएं।
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