भोपाल। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में साढ़े पांच माह बीतने के बाद भी अध्यक्ष और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई। ऐसे में भोपाल सहित प्रदेश के अन्य शहरों में होने वाले डेवलपमेंट रुक गए हैं। रेरा में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाने से नए आवासीय व व्यावसायिक प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पा रहे हैं। कोरोना के बाद रियल एस्टेट कारोबार धीरे-धीरे गति पकडऩे लगा था कि इस बीच रेरा अध्यक्ष व सदस्य हटा दिए गए। नए सदस्यों की नियुक्ति भी नहीं की गई। ऐसे में सारे प्रोजेक्ट अटक गए हैं और लोगों को नई कॉलोनियों व शॉपिंग मॉल तथा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आदि की सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। रेरा में पंजीयन के बाद प्रोजेक्ट में डेवलपमेंट किया जाकर लोगों को मकान, प्लॉट व दुकान का आवंटन किया जाता है। निजी प्रोजेक्ट के साथ ही राज्य शासन के अधीन या उससे जुड़े हुए विभागों के प्रोजेक्ट भी प्रभावित हो रहे हैं।
क्रेडाई ने उठाया था मुद्दा
रियल एस्टेट संगठन क्रेडाई के पदाधिकारियों द्वारा भी यह मुद्दा उठाया जा चुका है। पिछले दिनों उन्होंने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह से मुलाकात समस्या बताई थी। क्रेडाई के पदाधिकारियों का कहना है कि रेरा में सितंबर-2020 से तकनीकी सदस्य नहीं है, इस वजह से नए प्रोजेक्ट्स के रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहे हैं, इससे शहर में होने वाले डेवलपमेंट रुके हुए हैं। आवासीय व व्यावसायिक नए प्रोजेक्ट्स नहीं आ पा रहे हैं।
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