भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सडक़ किनारे ठेला लगाकर या फुटपाथ पर बैठकर कार्य करने वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) के लिए प्रारंभ की गयी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत मध्यप्रदेश के एक लाख से अधिक हितग्राहियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सभी योजनाएं इस तरह से एक दूसरे को संबद्ध कर बनायी गयी हैं, जिससे गरीबों, पीडि़तों, शोषितों, वंचितों, दलितों और आदिवासियों का व्यापक हित हो सके। इस दिशा में पिछले छह सालों में जिस तरह से व्यवस्थित ढंग से कार्य हुआ, वह पहले कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि का लाभ लेने वाले तीन पथ विक्रेताओं से सीधा संवाद भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से ऑनलाइन जुड़े।
छगनलाल बोले-स्वनिधि योजना से हो गया कर्जमुक्त
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सांवेर के झाडू बनाने वाले छगनलाल वर्मा, ग्वालियर की चाट ठेला चलाने वाली अर्चना शर्मा और रायसेन के सब्जी के ठेला लगाने वाले डालचंद्र से बातचीत की। उनसे पीएम स्वनिधि योजना के बारे में जानकारी ली। पूछा कि इस लोन योजना से किस तरह फायदा हो रहा है। उन्होंने सबसे पहले इंदौर जिले के सांवेर निवासी छगनलाल वर्मा से बात की। छगनलाल ने पीएम मोदी से कहा कि पीएम स्वनिधि योजना से मैं कर्ज मुक्त हो गया हूं और अब कमाई भी ठीक हो रही है। छगनलाल ने बताया कि वह दिनभर में करीब 50-60 झाडू बना लेते हैं। बच्चों और पत्नी भी मदद करते हैं। बच्चे पढ़ते भी हैं। पत्नी ने कहा कि हम लोग मिलकर झाडू बनाते हैं। किसान से खरीदकर खजूर की पत्ती लाते हैं। धंधा करने के बाद किसान को पत्ती का पैसा देते हैं। एक झाडू बनाने में खजूर की पत्ती, पाइप, लोहे का तार, नायलॉन खरीदना पड़ता है। प्रधानमंत्री ने उसे सलाह दी कि ग्राहकों से पुरानी झाडू का प्लास्टिक लेकर वे नए झाडू में उसे इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे उनका कम खर्चा होगा और प्लास्टिक रिसाइकल होगा।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्वालियर की अर्चना शर्मा से बात की। इस दौरान उन्होंने उनके बेटे और बेटी से भी बात की। अर्चना ने बताया कि वह ग्वालियर में टिक्की सेंटर चलाती हैं। उनके पति बीमार हैं। परिवार की जिम्मेदारी अर्चना खुद उठाती हैं। पति के बीमार होने के बाद सब्जी का ठेला लगाया। अब लोन मिलने पर टिक्की का ठेला लगाने लगे हैं। इसके साथ घर संभालते हैं और टिक्की सेंटर भी चलाते हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत उनका इलाज मुफ्त होता, जब अर्चना ने बताया कि उनका इलाज इसी योजना में चल रहा है।
प्रधानमंत्री ने अंत में रायसेन के सब्जी वाले डालचंद्र कुशवाहा से भी बातचीत की। डालचंद्र ने बताया कि सरकार की सारी योजनाओं का लाभ मिला है। आयुष्मान से परिवार का निशुल्क इलाज हो रहा है। गैस मिलने से जल्दी खाना बन जाता है। सब लोग मेरे काम में हाथ बंटवा लेते हैं। मोदी ने कहा कि लोन का दुरपयोग नहीं होना चाहिए। पूछा- पैसे का कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं। एक बड़े मॉल में होने वाला डिजिटल का काम अब ठेले पर भी हो रहा है।
वीडियो कांन्फ्रेंसिंग में उपस्थित मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने योजना की जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना ने केशकर्तन, चूड़ी कंगन बेचने वाले, सब्जी बेचने वाले, नाश्ते, चाट, नमकीन बेचने वाले, आइसक्रीम बेचने वाले, कबाड़ा बीनने वाले, आइसक्रीम आदि बेचने वालों की किस्मत बदलने का काम किया है। उन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स की योजना के बारे में विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की टीम को बधाई देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से सिर्फ 2 महीने में मध्यप्रदेश में एक लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स- रेहड़ी-पटरी वालों को स्वनिधि योजना का लाभ मिला।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स स्वनिधि योजना में पथ विक्रेताओं को छोटे छोटे काम-धंधे के लिए, बिना सुरक्षा लिए, बैंकों से 10 हजार रुपएयेतक की कार्यशील पूंजी तथा ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। योजना में प्रावधान है कि डिजीटल ट्रांजेक्शन करने पर प्रतिवर्ष 1200 रुपये की अतिरिक्त राशि और समय पर ऋण चुकाने पर अगले वर्ष 20 हजार रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध करवाई जाएगी। जैसे-जैसे वे अपना कार्य आगे बढ़ायेंगे सरकार उनकी मदद बढ़ाएगी और वे आत्मनिर्भर होते चले जाएंगे। योजना में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एक प्रावधान और जोड़ा गया है, जिसके अनुसार केन्द्र सरकार के 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान के बाद शेष ब्याज अनुदान मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिया जाएगा। इससे प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी ब्याज के यह राशि मिल रही है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के क्रिायन्वयन में मध्य प्रदेश देश में नंबर एक पर है। इसीलिए प्रधानमंत्री आगामी 12 सितम्बर तक यहां के हितग्राहियों से बातचीत करेंगे। कार्यक्रम का प्रसारण सभी नगरीय निकायों में दिखाया जा रहा है।
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