नई दिल्ली। दुष्कर्म के मामले में अनुचित टिप्पणी (Inappropriate remark) कर आरोपी को जमानत (Bail) देने वाले केरल ( Kerala) के कोझिकोड (Kozhikode) की अदालत (Court) के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (District and Sessions Judge) एस कृष्णकुमार का तबादला (Transferred) कर उन्हें श्रम न्यायालय का पीठासीन अधिकारी बना दिया गया है। जज ने लेखक महिला सिविक चंद्रन के यौन उत्पीडऩ के मामले में आरोपी चंद्रन द्वारा जमानत याचिका के साथ प्रस्तुत महिला की तस्वीरों के आधार पर आरोपी को जमानत देते हुए कहा था कि महिला ने खुद ऐसी पोशाक पहनी हुई थी, जो यौन उत्तेजक थी। इसलिए आरोपी पर धारा-354 का केस प्रथम दृष्टया नहीं बनता। साथ ही कोर्ट ने पीडि़ता की इस शिकायत पर भी अविश्वास जताते हुए कहा कि 74 वर्षीय शारीरिक रूप से अक्षम आरोपी चंद्रन जबरदस्ती शिकायतकर्ता को अपनी गोद में कैसे बैठा सकता है। उन्होंने कहा कि यह भी विश्वास करने योग्य नहीं है कि पीडि़ता के अनुसूचित जाति से होने की जानकारी के बाद भी आरोपी ने महिला को छुआ। इन टिप्पणियों पर जज को हटा दिया गया।
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