उज्जैन। महंगाई चौतरफा मुंह फाड़ रही है। इसकी वजह से आम आदमी की हालत खराब है। लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने करीब हफ्ता-भर पहले डीजल और पेट्रोल पर ड्यूटी घटा दी थी। उम्मीद रही कि इससे बाजार की तमाम उपभोक्ता वस्तुओं के दाम कम होंगे, लेकिन ऐसा होता कहीं दिखाई नहीं पड़ रहा। पेट्रोल और डीजल के दामों में करीब 9 फीसदी की गिरावट की जा चुकी है। इस गिरावट के बाद इन दोनों के दाम 2021 के सितंबर-अक्टूबर के लगभग पहुंच चुके हैं। पेट्रोल तब की अपेक्षा करीब डेढ़ रुपये और डीजल करीब सवा रुपये महंगा है, लेकिन तब से मुकाबले आज उपभोक्ता वस्तुओंं के दाम 40 से 80 फीसदी तक ज्यादा हैं।
अगर बीते एक हफ्ते की बात करें तो लगभग सभी वस्तुओं के दाम तेज हैं। केवल खाद्य तेल के दाम चार रुपये प्रति लीटर कम हुए हैं। वो भी पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की वजह से नहीं, बल्कि सरकार की ओर से सेस घटा दिए जाने से। किराना का थोक एवं फटकर कारोबार करने वाले संजय अग्रवाल ने बताया कि अनाजों को छोड़कर अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं के दम रोजाना बढ़ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते के दौरान ही करीब 20 फीसदी से ज्यादा दाम तेज हो चुके हैं।
साइज का भी खेल
कुछ बड़े ब्रांड वालों ने अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने की बजाय उनके साइज में बदलाव कर दिया है। इन ब्रांडों ने उत्पादों का वजह या भरती बढ़ा दी है। ऐसे उत्पादों में टूथपेस्ट, बिस्किट, हेयर आयल, कपड़े धोने का साबुन आदि शामिल हैं।
जरूरी वस्तुएं महंगी
पिछले हफ्ते भर की ही बात करें तो खाद्य तेल के दाम ही चार रुपये कम हुए हैं, शेष वस्तुओं के दाम तेज ही हुए हैं। नहाने के साबुनों में पीयर्स बड़ा 47 से बढ़कर 54, पीयर्स छोटा 22 से 26, लक्स बड़ा 30 से 35, संतूर बड़ा 25 से बढ़कर 35 रुपये हो गया। एमडीएच मसाले भी 100 ग्राम के पैक में 75 रुपये से बढ़कर 89 रुपये पर पहुंच गए। मैगी का छोटा पैकेट 12 से बढ़कर 14 रुपये हो गया, जबकि बड़ा पैकेट 45 से 54 पर पहुंच गया। इसी तरह से हार्पिक 87 रुपये से बढ़कर 99 पर पहुंच गया।
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