इंदौर। वैश्विक महामारी कोरोना में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी (remdesivir injections) करने की आंच अब मप्र के मंत्री तुलसी सिलावट के घर तक पहुंच गई है। रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक (black marketing) करते पकड़ाए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. पूर्णिमा गाडरिया (District Health Officer Dr. Purnima Gadaria) की गाड़ी के ड्राइवर पुनी अग्रवाल के दावे ने सभी को हैरान कर दिया है।
बता दें कि कलेक्टर मनीष सिंह (DM Manish Singh) के खिलाफ जाकर इस्तीफा देने के बाद चर्चा में आईं सीएमएचओ डॉ. पूर्णिमा गडरिया के ड्राइवर पुनीत को पुलिस ने रेमडेसिविर बेचते हुए गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक इंजेक्शन भी मिला है।
पूछताछ में विजयनगर पुलिस ने उसने बताया कि उसने यह इंजेक्शन गोविंद राजपूत नामक से लिया था उससे 14000- 15000 रुपये में बेचना चाहता था। उसने बताया कि उसके पास ललित शर्मा नामक पुलिसकर्मी का फोन आया था जिसे वह यह इंजेक्शन देने जा रहा था, आरोपी इससे पहले दो बार डॉक्यूमेंट लेकर गोविंद के माध्यम से ही अस्पतालों में इंजेक्शन पुहंचा चुका है। उसने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा गडरिया के यहां वह कुछ दिन पहले ही काम पर लगा था। इसने यह भी कुबूल किया कि वह कोरोना काल में कई लोगों को इंजेक्शन दिलवा चुका है। पुलिस पूरे माामले की जांच में जुटी हुई है।
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