नई दिल्ली: उसके पास रफ्तार है, उसकी गेंदों में तलवार जैसी धार है…22 गज की पट्टी पर वो खौफ का दूसरा नाम है. बात हो रही है मिचेल स्टार्क की जिन्होंने भारत के खिलाफ वनडे सीरीज में कमाल ही कर दिया है. मिचेल स्टार्क तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में 8 विकेट चटका चुके हैं. इस दौरान उन्होंने विराट कोहली, रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव जैसे बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई है.
आपको बता दें टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाजों को परेशान करने वाला ये खिलाड़ी कभी विकेटकीपर हुआ करता था. मिचेल स्टार्क आखिर कैसे विकेटकीपर से तेज गेंदबाज बने? और उनके अंदर का ये टैलेंट किसने पहचाना? ये बहुत ही कम फैंस जानते हैं. आइए आपको बताते हैं कि कैसे एक विकेटकीपर-बल्लेबाज इतना बेहतरीन तेज गेंदबाज बन गया?
स्टार्क ने बतौर विकेटकीपर शुरू किया करियर!
मिचेल स्टार्क ने बहुत छोटी सी उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया. स्टार्क ने सिडनी के बेराला स्पोर्ट्स क्रिकेट क्लब में ट्रेनिंग लेनी शुरू की. स्टार्क विकेटकीपर थे. महज 9 साल की उम्र में उन्होंने नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट की टीम में बतौर विकेटकीपर टूर्नामेंट खेले. 14 साल की उम्र तक स्टार्क ने विकेटकीपिंग जारी रखी लेकिन इसके बाद उनकी जिंदगी बदल गई.
Striking in the Powerplay: Mitch Starc is lethal at the start of the innings. #INDvAUS | @joshschon
— cricket.com.au (@cricketcomau) March 20, 2023
स्टार्क को बेराला स्पोर्ट्स क्रिकेट क्लब के कोच ने विकेटकीपिंग छोड़ने की सलाह दी. उन्होंने स्टार्क से तेज गेंदबाजी में हाथ आजमाने को कहा. स्टार्क का कद लंबा था. वो 6 फीच 5 इंच हैं. ऊपर से वो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज थे, उनके पास स्विंग और रफ्तार थी और इसीलिए उन्होंने भी विकेटकीपर बनने का फैसला किया. स्टार्क ने तेज गेंदबाज बनने के महज 5 साल के अंदर 2009 में न्यू साउथ वेल्स के लिए शेफील्ड शील्ड में फर्स्ट क्लास डेब्यू किया और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
स्टार्क जैसा कोई नहीं
बता दें मिचेल स्टार्क इकलौते ऐसे गेंदबाज हैं जो हर वनडे मैच में कम से कम 2 विकेट लेते हैं. स्टार्क के प्रति मैच विकेट औसत 2.01 है. राशिद खान 1.90 के साथ दूसरे नंबर पर हैं. ट्रेंट बोल्ट 1.89 और भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी 1.82 के साथ चौथे स्थान पर हैं. साफ है कभी विकेटकीपिंग से करियर की शुरुआत करने वाला खिलाड़ी आज हर बल्लेबाज के लिए परेशानी का दूसरा नाम बन चुका है. स्टार्क जैसा स्पार्क किसी और में नहीं.
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