इंदौर। यह दर्दनाक कहानी है इंदौर के एक परिवार की बहू और दो बच्चों की मां की। जिसके साथ पुलिस अफसर के बेटे ने दोस्ती के बहाने उसकी जिंदगी बर्बाद कर डाली। महिला खुद ही नहीं बल्कि उसके पति और बच्चे भी इतने खौफजदा थे कि पूरा परिवार ही खुदकुशी करने पर आमादा हो चुका था। लेकिन समय पर एक रिश्तेदार की सलाह मिली तो वह संभल गए।
कई बार शिकायत के बावजूद जब एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो वकील की मदद से आखिरकार पुलिस अफसर के बेटे पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया। जानकारी के मुताबिक पीडि़ता जबलपुर की रहने वाली है। शादी के बाद वह इंदौर आई। पति साथ ही रहते हैं लेकिन जॉब के सिलसिले में बाहर भी जाना पड़ता था। महिला के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा 11 साल का और छोटा बेटा 8 साल का है।
पीडि़ता की जान-पहचान अफसर के बेटे विकास लोहानी से जुलाई 2021 में हुई। वह किसी ग्रुप पर होने से टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क में आया। तब हमारी सामान्य दोस्ती हो गई। पीडि़ता बताती है कि लोहानी इंदौर की सीआरपी लाइन में ही रहता था और खुद को पुलिस अफसर का बेटा बताता था। छह महीने तक तो उनके बीच सामान्य दोस्ती चलती रही। लेकिन 31 दिसंबर 2021 का दिन उसके लिए मनहूस साबित हुआ। जानकारी के मुताबिक आरोपी न्यू ईयर सेलिब्रेशन के बहाने पीडि़ता के घर आया था। तब घर में वह खुद और उसके दोनों बेटे थे। पति ड्यूटी के सिलसिले में बाहर गए हुए थे।
मामले में सामने आया कि आरोपी तीनों के लिए केक और कोल्ड्रिंक्स लाया था। केक कटवाकर बच्चों को खिलाया तो दोनों बेटे तभी बेहोश हो गए। पीडि़ता स्वयं भी बदहवास हो गई। कुछ देर में बेहोश हो गई। उसने बेहोशी की हालत में पीडि़ता से रिलेशन बनाए और वीडियो भी बना लिया। होश में आने पर पीडि़ता को उसके साथ रेप होने का अहसास हुआ। उसने विरोध जताया तो आरोपी ने उसे धमकाया और वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी।
जानकारी के मुताबिक पीडि़ता को एक बार नहीं बल्कि कई बार वीडियो वायरल करने की धमकी देकर डराता और फिर रेप करता था। आरोपी से तंग आई पीडि़ता ने अपने पति को पूरी घटना के बारे में बता दिया। यही नहीं आरोपी से पीडि़ता के पति ने बात की तो उसने उन्हें भी डराना-धमकाना शुरू कर दिया। अब वह वीडियो वायरल करने के साथ ही दोनों बच्चों को मार डालने की भी धमकी देने लगा। पिता के पुलिस में होने का रौब दिखाता रहा।
आरोपी विकास की धमकियों से परिवार इतना दहशत में आ गया कि पीडि़ता ने अपनी मां को जबलपुर से साथ रहने के लिए इंदौर बुला लिया। अब पीडि़ता को डर था कि पति के बाहर जाने के बाद आरोपी अकेले में कुछ भी कर सकता है। आरोपी ने पीडि़ता का घर से निकलना तक मुश्किल कर दिया था। घंटों तक अपार्टमेंट के नीचे ही गाड़ी लगाकर खड़ा रहता था। बाहर जाने पर पीछा करता था। बच्चों को मारने की धमकी देता था। इस कारण पीडि़ता सब सहती रही। उसने पीडि़ता की ज्वेलरी के साथ रुपए भी लेना शुरू कर दिए। पति बाहर जाते तो कार घर पर रहती थी। वह कभी उसे ले जाता और जब मन होता छोड़ जाता। आरोपी कार भी अपने नाम कराना चाहता था।
मां के आने के बावजूद उसकी हरकतें नहीं रुकीं। वह तब भी फ्लैट पर आ जाता और गंदी हरकतें करता। डर के चलते पीडि़ता ने करीब दो किलोमीटर दूर दूसरे अपार्टमेंट में फ्लैट ले लिया। विकास वहां भी आ धमका। जॉब पर जाती तो वहां भी बाहर आकर खड़ा हो जाता। बच्चों को मां संभालती रही। पीडि़ता के मुताबिक पति को जब भी यह बातें बताईं वह तनाव में आ जाते थे। स्थिति यह थी कि वह डिप्रेशन में आ गए। अब हमने दोनों बच्चों के साथ ट्रेन के सामने कूदकर जान देने का फैसला तक ले लिया। आखिर में उन्होंने रिश्तेदार से सलाह मशविरा किया तो, उन्होंने पुलिस में हर हाल में शिकायत करने की हिम्मत बंधाई।
तंग आकर पीडि़ता और उसका पति ने तिलक नगर थाने में मामला दर्ज कराने पहुंचे। पीडि़ता ने आरोप लगाया कि वहां भी पुलिस ने पहली बार में कुछ नहीं सुना। उन्हें थाने में बैठाए रखा गया। जब पीडि़ता ने पुलिसवाले के बेटे विकास लोहानी का नाम बताया तो पुलिस पीडि़ता को ही दोषी ठहराने में लगी रही। उस रात तीन बजे तक उन्हें थाने में बैठाए रखा गया। यही नहीं आरोपी का पिता भी थाने पहुंचा और समझौता करने का दबाव बनाने लगा। लेकिन पीडि़ता के पति ने इनकार कर दिया और कहा कि वह अब इतने तंग आ गए हैं कि विकास को सजा दिलाकर ही रहेंगे। जब मामला पुलिस ने नहीं सुना तो उन्होंने वकील के माध्यम से मामला दर्ज कराया।
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