भोपाल। राजधानी में गुरुवार की सुबह तक बीते 21 घंटों में 0.2 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। साहा ने बताया कि उत्तर भारत में 22 नवंबर को एक और पश्चिमी विक्षोभ दस्तक देगा। उसके आगे बढऩे के बाद ही हवाओं का रुख बदलकर उारी होने की संभावना है। उार भारत से आने वाली सर्द हवाओं से न्यूनतम तापमान में गिरावट होगी। इसके पहले तापमान में मामूली अप-डाऊन जारी रहेगा। 25 नवंबर के बाद ही ठंडक बढऩे की संभावना है। अभी दो दिन और ऐसा ही मौसम बने रहने का अनुमान है। इसके बाद रात के तापमान में गिरावट का सिलसिला शुरू होगा। गुरुवार को सुबह धुंध रही, उसके बाद धूप निकली लेकिन बादल छाने के कारण दोपहर में धूप के तेवर नरम हो गए और पारा अधिक नहीं बढ़ पाया। बुधवार के मुकाबले गुरुवार को दिन का तापमान 1.6 डिग्री घट गया और 31.3 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा रहा। हालांकि रात में बदली के कारण न्यूनतम तापमान 0.8 डिग्री बढ़ गया और सामान्य से 5 डिग्री अधिक 19.4 डिग्री पर पहुंच गया। यह नवंबर महीने को अब तक का सर्वाधिक न्यूनतम पारा है। सुबह छाई धुंध के कारण विजिबिलिटी 2000 से 4000 मीटर तक रही। मौसम वैज्ञानिक पीक के साहा ने बताया कि पश्चिमी मध्यप्रदेश में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात है जिसके कारण बादल छाए हुए हैं।
ये सिस्टम हैं सक्रिय
पश्चिमी मध्यप्रदेश में हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात राजधानी का मौसम बदलने का कारण है। इसके अलावा अरब सागर में कम दवाब का क्षेत्र बना हुआ है। एक पश्चिमी विक्षोभ जमू-कश्मीर पर बना हुआ है। राजस्थान पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इस वजह से हवाओं के साथ लगातार नमी आने का सिलसिला जारी है। साथ ही प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर अधिकतम तापमान बढ़ा हुआ है। तापामन अधिक होने के साथ ही नमी के कारण लोकल सिस्टम बन रहा है।
उत्तरी हवाएं मौसम को कुल करती हैं
साहा के मुताबिक उारी हवाएं मौसम को कुल करती हैं। हवा का एक चक्रवाती घेरा अफगानिस्तान, पाकिस्तान होता हुआ जमू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उाराखंड तरफ से देश के उारी हिस्से में पहुंचता है। इससे वहां बारिश या बर्फबारी होती है। यदि यह सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है तो इसके प्रभाव से बादल, बूंदाबांदी, कोहरे, धुंध के रूप में भोपाल सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों तक होता है। ये सिस्टम अटूबर अंत, नवंबर से लेकर जनवरी-फरवरी तक आते हैं।
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