इंदौर गजब है…ट्रीटेड वाटर को खेतों तक पहुंचाने के लिए 60 किमी की लाइन बिछा डाली
बिना खाद के फसल लहलहाएगी…70 खेतों को मिलेगा प्राकृतिक पानी…
इन्दौर। नगर निगम (municipal Corporation) द्वारा नाले के पानी को ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए शुद्ध करने के बाद खेतों तक पहुंचाने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में सप्लाय लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया था। यह कार्य अब पूरा हो चुका है। अब तक निगम ने 60 किमी के हिस्से में लाइन बिछा दी है। अब कबीटखेड़ी के हिस्से में रेलवे पटरी के पास कुछ अनुमतियां मिलने के बाद लाइनें जोडऩे का काम शुरू होगा। इसके बाद शुरुआती दौर में करीब 70 खेतों में पानी भेजा जाएगा, जो फसलों के लिए लाभदायक है।
नगर निगम (municipal Corporation) द्वारा करीब दो साल पहले कबीटखेड़ी (Kabitkheri) में ड्रेनेज के पानी को साफ करने का प्लांट लगाया गया था। यह प्लांट अब पूरी क्षमता से शुरू हो चुका है। इसका पानी शुरुआती दौर में लाइनें बिछाकर कई उद्यानों से लेकर विभिन्न स्थानों पर सप्लाय किया जा रहा है। इसके लिए मेघदूत उपवन के पास इसकी अलग टंकी बनाई गई है और वहां से आसपास के कई उद्यानों में पानी सप्लाय हो रहा है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक अलग-अलग क्षेत्रों में इसकी लाइन बिछाने का काम विभिन्न फर्मों के माध्यम से कराया जा रहा था। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में यह कार्य तेजी से पूरा कर लिया गया है।
एक लाइन जोडऩे के बाद शुरू होगा सप्लाय
अधिकारियों के मुताबिक कबीटखेड़ी (Kabitkheri) क्षेत्र में रेलवे पटरी के पास ट्रीटेड वाटर (treated water) की लाइन को जोड़ा जाना है और यह हिस्सा रेलवे परिधि के अंतर्गत आता है। इसी के चलते रेलवे विभाग को निगम की ओर से पत्र लिखकर खुदाई और लाइन जोडऩे के लिए अनुमति मांगी गई है। आने वाले दिनों में अनुमति मिलने के बाद वहां जल्द ही काम शुरू कराया जाएगा। अफसरों का कहना है कि लाइन जोडऩे के बाद से ट्रीटेड वाटर का सप्लाय शुरू कर दिया जाएगा और शुरुआती दौर में 70 खेतों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था कर ली गई है।
योजना सफल हुई तो बड़े पैमाने पर बिछेंगी लाइनें
शुरुआती दौर में इस योजना पर आला अफसरों की टीम निगरानी करेगी और इसके बाद इसे अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाया जाएगा। फिलहाल 60 किमी के हिस्से में ही लाइन बिछाई गई है। अगर किसानों की मांग आती रही तो अन्य क्षेत्रों में भी लाइनें बिछाने का काम शुरू कराया जाएगा और खेतों में पानी दिया जाएगा। हालांकि अभी कुछ ट्रीटमेंट प्लांट पर काम चल रहा है और वहां का पानी भी ग्रामीण क्षेत्रंो में भेजा जाएगा।
खेतों के लिए लाभदायक है ट्रीटेड पानी
नगर निगम (municipal Corporation) अधिकारियों के मुताबिक अब तक खेतों में कहीं नाले या कहीं अन्य प्रकार के पानी का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन अब ट्रीटेड पानी (treated water) से खेती-बाड़ी हो सकेगी। इसके लिए कई किसानों से निगम अफसरों की चर्चा हुई है। उन्होंने पानी लेने पर सहमति जताई। अफसरों ने उन्हें बताया कि यह पानी खेतों के लिए ज्यादा उपयोगी है। करीब 70 से ज्यादा किसानों ने पानी लेने और निगम को निर्धारित राशि देने पर सहमति दे दी है।
3 से लेकर 10 हजार तक शुल्क लगेगा
अधिकारियों के मुताबिक खेतों में ट्रीटेड वाटर (treated water) पहुंचाने के लिए 60 किमी के हिस्से में लाइनें बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। इनमें शहरी सीमा से जुड़े कई खेत भी शामिल हैं, जहां पिछले दिनों लाइन बिछाने का काम चल रहा था। इसके लिए निगम ने प्रारूप तैयार किया है, जिसके मुताबिक अलग-अलग हेक्टेयर के मान से शुल्क लिया जाएगा और 3 से लेकर 10 हजार रुपए तक सालाना राशि किसानों से ली जाएगी। इसके साथ-साथ ट्रीटेड वाटर को लेकर कुछ नियम-शर्तें भी लागू की गई हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved