नई दिल्ली: एक कलाई घड़ी (wristwatch) जिसके बारे में अफवाह है कि वह एडॉल्फ हिटलर की थी, उसे एलेक्जेंडर हिस्टोरिकल ऑक्शन द्वारा बेचा जा रहा है. यह कंपनी ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण वस्तुओं में विशेषज्ञता रखती है. बताया जा रहा है कि इस घड़ी के बिक्री पूर्व 2 से 4 मिलियन डॉलर तक में नीलाम होने का अनुमान है. वॉचप्रो के अनुसार, एडॉल्फ हिटलर को एंड्रियास ह्यूबर नाम की ये सोने की घड़ी 20 अप्रैल 1933 को उनके 44वें जन्मदिन पर मिली थी.
इस घड़ी में तीन तिथियां हैं- हिटलर का जन्मदिन, जिस दिन उन्हें जर्मनी का चांसलर नामित किया गया था, और जिस दिन नाजी पार्टी ने 1933 का चुनाव जीता था. माना जाता है कि हिटलर की नाजी पार्टी, जिसका उन्होंने नेतृत्व किया था, ने उन्हें 1933 में जर्मनी के चांसलर के रूप में चुने जाने पर घड़ी सौंपी थी.
4 मई 1945 को, जब हिटलर की बटालियन बवेरिया के ऊंचे इलाकों में बेरख्त्सगाडेन में पीछे हटने लगी, तब एक फ्रांसीसी सैनिक ने इसे पाया और घड़ी को युद्ध की लूट के रूप में लिया. नीलामीकर्ता के अनुसार, घड़ी बनाने वालों और सैन्य इतिहासकारों ने घड़ी की पृष्ठभूमि का अध्ययन किया है और इस आम सहमति पर पहुंचे हैं कि एडॉल्फ हिटलर वास्तव में इसके मालिक थे और यह वैध है.
हालांकि, जैगर-लेकोल्ट्रे ने एक बयान में कहा है कि वॉचप्रो के अनुसार घड़ी की वैधता को सही नहीं कहा जा सकता है. यह एक प्रामाणिक जैगर-लेकोल्ट्रे घड़ी है. कंपनी अपनी बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और धोखाधड़ी और नकली की बिक्री को रोकने के लिए सभी आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार है.
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