पुणे (Pune)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को पुणे (Pune) में चुनावी जनसभा (Election public meeting) को संबोधित किया और बिना नाम लिए शरद पवार (Sharad Pawar) पर सीधे हमलावर रहे. पीएम ने पवार को उन्हें ‘भटकती आत्मा’ कहकर तंज भी कसा है. पीएम मोदी ने कहा, महाराष्ट्र (Maharashtra) में 45 साल पहले एक ‘भटकती आत्मा’ ने अपनी महत्वाकांक्षा के लिए खेल की शुरुआत की और तब से लगातार अस्थिरता लाने की कोशिशें की जा रही हैं. अब उस व्यक्ति द्वारा देश को अस्थिर करने का काम किया जा रहा है. पीएम ने विकसित भारत यात्रा के सपने को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde), देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व में अलायंस को जीत दिलाने की अपील की।
बारामती, शिरूर, मावल और पुणे लोकसभा सीटों पर महायुति के पक्ष में चुनावी माहौल तैयार करने के लिए पीएम मोदी सोमवार को पुणे पहुंचे थे. यहां उन्होंने सुनेत्रा पवार, मुरलीधर मोहोल, श्रीरंग बार्ने, शिवाजी अधलराव के पक्ष में वोट मांगे. पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के अविकसित क्षेत्रों को लेकर शरद पवार को निशाने पर लिया और कहा, कुछ भटकती हुई आत्माएं होती हैं, जिनकी इच्छाएं कभी पूरी नहीं होतीं, उनकी आत्माएं भटकती रहती हैं. अगर उनका खुद का काम नहीं बनता है तो वे दूसरों के काम को खराब करना शुरू कर देते हैं।
‘ये आत्मा कुछ भी कर सकती है’
पीएम मोदी ने तंज कसते हुए कहा, 45 साल पहले एक बड़े नेता ने अपनी महत्वाकांक्षा के लिए यह खेल शुरू किया था. तब से महाराष्ट्र अस्थिरता के दौर में चला गया, जिसके बाद कई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पवार पर निशाना साधा और कहा, यह आत्मा ना सिर्फ विरोधियों को अस्थिर करती है बल्कि कुछ भी कर सकती है. यह आत्मा अपनी पार्टी और परिवार को भी नहीं छोड़ती है. 1995 में जब महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार आई तब भी यही आत्मा सरकार को अस्थिर करने का काम कर रही थी।
‘पीएम ने 2019 के घटनाक्रम को याद दिलाया’
पीएम ने 2019 के राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र किया और कहा, जनादेश का इतना बड़ा अपमान हुआ, ये महाराष्ट्र की जनता भली-भांति जानती है. लेकिन आज यही आत्मा महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि देश में भी अस्थिरता पैदा करने का खेल खेल रही है।
पीएम मोदी ने कहा…
महाराष्ट्र ने लंबे समय तक अस्थिरता का दौर देखा है. आज मैं कुछ बोलने जा रहा हूं, लेकिन कोई अपने सिर पर टोपी ना ले लेना. हमारे यहां कहते हैं कि कुछ भटकती आत्माएं होती हैं, जिनकी इच्छाएं पूरी नहीं होती हैं और जिनके सपने पूरे नहीं होते हैं, वो आत्माएं भटकती रहती हैं. ऐसी आत्मा को खुद का काम नहीं हुआ तो दूसरों का काम बिगाड़ने में मजा आता है. हमारा महाराष्ट्र भी ऐसी भटकती आत्माओं का शिकार हो चुका है. आज से 45 साल पहले यहां के एक बड़े नेता ने अपनी महत्वाकांक्षा के लिए खेल की शुरुआत की थी, तब से महाराष्ट्र एक अस्थिरता के दौर में चला गया और कई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाए. ये विपक्ष को ही अस्थिर नहीं करते, बल्कि ये आत्मा कुछ भी कर देती है. वो अपनी पार्टी में भी ऐसा ही करते हैं. और ये आत्मा अपने परिवार में भी ऐसा ही कर देती है. 1995 में जब बीजेपी-शिवसेना की सरकार आई तब भी वो आत्मा सरकार को अस्थिर करने में लग गई. 2019 में तो उन्होंने जनादेश को ही इतना बड़ा अपमान किया है, वो महाराष्ट्र की जनता भली-भांति जानती है और आज सिर्फ महाराष्ट्र को अस्थिर करना ही उस आत्मा को संतोष नहीं देता है, बल्कि देश में अस्थिरता पैदा करने का खेल चल रहा है. आज भारत को ऐसी भटकती आत्माओं से बचाकर के देश में स्थिर और मजबूत सरकार की तरफ आगे बढ़ने की जरूरी है. मैं तो चाहूंगा कि महाराष्ट्र में हमारी महायुति है, वो मजबूती के साथ कुछ इस तरह आगे कि जो 25-30 साल की कमियां रही हैं, वो सारी कमियां पूर्ण करके विकसित भारत के सपने को ड्राइविंग इंजन देने का काम करे. शिंदे जी, देवेंद्र जी और अजित जी के नेतृत्व में।
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