इन्दौर (Indore)। एमवाय हॉस्पिटल और जिला स्वास्थ्य विभाग ने खुलासा किया है कि सरकारी रिकार्ड में चिकनगुनिया और डेंगू बुखार के मरीजों की संख्या के आंकड़े इसलिए कम दर्ज होते आ रहे हैं, क्योंकि इन दोनों बीमारियों के वायरस बहुरूपियों की तरह अपना स्वरूप, असर और लक्षण बदलते आ रहे हैं।
इस वजह से जांच दौरान यह दोनों वायरस मेडिकल किट की पकड़ में नही आते, इसलिए जितने साफतौर पर पकड़ में आते हैं, उतनी संख्या के अधिकृत आंकड़े जारी कर दिए जाते हैं। पब्लिक समझती है कि मलेरिया विभाग या मेडिकल कॉलेज की लैब किसी दबाव के चलते जानबूझ कर सही संख्या नहीं बता रही है, जबकि सच यह है कि मरीजो में डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण मौजूद होने के बावजूद दोनों बीमारियों के वायरस जांच के दौरान बच निकलते हैं।
रिकार्ड में चिकनगुनिया के सिर्फ 20 मरीज
शहर के निजी अस्पतालों के अलावा रहवासी बस्तियों में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डाक्टर्स और शहरवासियों के अनुसार शहर में ऐसी कोई बस्ती या कालोनी नहीं है, जहां डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज नहीं हों। मगर मेडिकल कॉलेज की लैब और मलेरिया विभाग की रिपोर्ट में इस साल चिकनगुनिया बुखार के 20 और डेंगू बुखार के 541 और मलेरिया के सिर्फ 7 मरीज की ही संख्या दर्ज है।
जांच में नहीं पकड़ा रहे दोनों वायरस
एमवाय हॉस्पिटल में रोज लगभग 10 – 12 मरीज आते है ं। इनमें चिकनगुनिया और डेंगू बुखार के लक्षण वाले दोनों प्रकार के मरीज होते हैं। डाक्टर्स इन्हें इसी रोग से सम्बंधित जांचें और दवाइया लिखते हैं, मगर जब जांच करते है तो 10 में से सिर्फ 1 या 2 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है।
-डॉक्टर अशोक यादव
अधीक्षक एमवाय हॉस्पिटल इंदौर
वायरस में बदलाव आ रहा है
पिछले सालों से मौसम, जलवायु और तापमान में परिवर्तन के चलते चिकनगुनिया और डेंगू बुखार के वायरस में बड़ी तेजी से बदलाव आ रहा है। इस वजह से सभी मरीजों में मौजूद यह वायरस जांच के दौरान मेडिकल किट की पकड़ में नही आते ।
-दौलत पटेल
मलेरिया अधिकारी जिला स्वास्थ्य विभाग
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