इन्दौर। देवगुराडिय़ा स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड के कचरे के जिस पहाड़ को जमीन में दफन करने के कारनामे के बाद इंदौर शहर को स्वच्छता में नंबर वन का तमगा मिला था, उसी गांव के कचरे का ढेर मैदान में लगने से ग्रामीणों में भारी रोष है। उस कचरे को नगर निगम प्रोसेस करने को तैयार नहीं है। इसके चलते रहवासियों ने एक बार फिर मोर्चा खोल संासद को ज्ञापन दिया है।
ट्रेंचिंग ग्राउंड के कचरे के पहाड़ एक बड़ी समस्या थे, जिससे नगर निगम ने शहर को निजात दिलवाई थी। वहां कचरे को जमीन में दफन कर दिया गया था और अब शहर के कचरे को वहां लगे प्लांट में प्रोसेस किया जा रहा है। यह क्षेत्र देवगुराडिय़ा पंचायत में आता है। इसके बाद यहां लगी दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों के लोगों ने राहत की सांस ली थी। इसके लिए यहां के रहवासी संघ ने कई बार आंदोलन किए थे। संघ के समीर कलमेरकर ने बताया कि एक बार फिर उनके यहां नया ट्रेंचिंग ग्राउंड तैयार किया जा रहा है।
प्रोसेसिंग प्लांट से कुछ दूरी पर ही पंचायत की कॉलोनियों का कचरा फेंका जा रहा है, जिसके चलते यहां फिर एक नया ट्रेंचिंग ग्राउंड बन जाएगा। नगर निगम यह कहते हुए कचरा नहीं ले रहा है कि यह पंचायत का क्षेत्र है। इसके लिए खाली जमीन पर ही कचरा फेंका जा रहा है। इसको लेकर रहवासी संघ ने सांसद शंकर लालवानी को ज्ञापन दिया और कहा कि शहरभर का कचरा आकर हमारी पंचायत में प्रोसेस हो रहा है और हमारे यहां के कचरे को लेने के लिए नगर निगम ना कह रहा है। इसके चलते यहां फिर एक ट्रेंचिंग ग्राउंड खड़ा हो जाएगा। सांसद ने समस्या का समाधान करने की बात कही है।
दो दर्जन कॉलोनियों के साथ सौतेला व्यवहार
रहवासी संघ का कहना है कि शहर में इस पंचायत को इसीलिए शामिल नहीं किया गया था, क्योंकि यहां ट्रेंचिंग ग्राउंड है, जबकि शहर से लगे कई गांवों को शहर में शामिल किया गया था। यहां नर्मदा की लाइन जाती है। यहां के लोग दूषित पानी पीने को विवश हैं। यहां रात में ट्रक खड़े हो जाते हैं, जिससे आवागमन में परेशानी होती है। कॉलोनियां शहर के पास हैं, लेकिन घटना होने पर रिपोर्ट लिखवाने खुडै़ल थाने जाना पड़ता है। यहां अब भी समय-समय पर प्रोसेसिंग बंद होने पर रहवासी जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved