एक ओर जहां सारा शहर विकास के लिए घर-मकान, दुकान तुड़वा रहा है, वहीं
इन्दौर। वार्ड क्रमांक 64 (Ward No. 64) में बनने वाली पानी की टंकी (Water tank) का पेंच फंसता ही जा रहा है। कल महापौर (Mayor) -विधायक (MLA) और कुलपति (Vice Chancellor) ने प्रस्तावित स्थल का दौरा किया, लेकिन 1 घंटे तक चर्चा करने के बाद भी कुलपति ने जमीन (land) देने पर हामी नहीं भरी और बिना किसी नतीजे के चर्चा समाप्त हो गई। अब कोशिश की जा रही है कि टंकी का कुछ हिस्सा नगर निगम की जमीन पर बने और कुछ यूनिवर्सिटी (University) की जमीन पर।
इस क्षेत्र की कुछ कॉलोनियों में नर्मदा का पानी नहीं पहुंचने के कारण जलसंकट बना हुआ है। 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने यहां तत्कालीन विधायक आकाश विजयवर्गीय की मांग पर पानी की टंकी मंजूर की थी, जिसे अभी तक बन जाना था। इस टंकी से करीब 24 हजार घरों को फायदा मिलेगा। टंकी का भूमिपूजन तो उस समय मुख्यमंत्री कर गए थे, लेकिन अभी तक जगह नहीं मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया। दरअसल टंकी तो बनाई जाना है, उसके लिए खंडवा रोड स्थित यूनिवर्सिटी परिसर में नगर निगम को जमीन चाहिए, जिसके लिए कुलपति पहले ही मना कर चुकी हैं। कल महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक गोलू शुक्ला, क्षेत्रीय पार्षद मनीष शर्मा मामा और कुलपति डॉ. रेणु जैन प्रस्तावित टंकी स्थल पर पहुंचे थे। उनके साथ अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा, संजीव श्रीवास्तव भी मौजूद थे। इस मामले में यूनिवर्सिटी का कहना है कि उनके पास पहले ही जमीन कम है और जो जमीन टंकी के लिए बताई जा रही है, वह उनके अन्य प्रोजेक्ट के लिए आरक्षित रखी गई है, जिसे दिया नहीं जा सकता है। कुलपति डॉक्टर जैन अंत तक अपनी बात पर अड़ी रहीं। महापौर भार्गव ने बीच का रास्ता निकालने की बात कही है। करीब 1 घंटे तक दोनों पक्षों में चर्चा चलती रही, लेकिन कोई हल नहीं निकला। अब कहा जा रहा है कि नगर निगम ही अपनी जमीन का कुछ हिस्सा जो ग्रीन बेल्ट में आ रहा है, वह टंकी बनाने के लिए देगा और कुछ हिस्सा यूनिवर्सिटी की जमीन पर भी बनेगा। महापौर और विधायक ने कुलपति को कहा कि पानी की टंकी बन जाने से यूनिवर्सिटी को भी लाभ होगा। अब इस मामले में एक बार फिर दोनों पक्षों की बैठक हो सकती है या फिर नगर निगम को कोई और जमीन तलाशना पड़ सकती है।
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