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    खैबर पख्तूनख्वा में कई दिनों से मचा बवाल थमेगा, अलीजाई-बागान समुदाय संघर्ष विराम समझौते पर सहमत

  • December 02, 2024

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) के उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में बीते कुछ दिनों से बवाल मचा हुआ था। अलीजाई (Alizai) और बागान समूहों (Bagan Community) के बीच गोलीबारी जारी थी। हालांकि, अब दो युद्धरत जनजातियों के बीच संघर्ष विराम समझौता हो गया है। मगर, पिछले कई दिनों से जारी खुर्रम कबायली सांप्रदायिक हिंसा (Khurram Tribal Communal Violence) में 130 लोगों की जान चली गई। उपायुक्त कुर्रम जवेदुल्ला महसूद ने रविवार को पुष्टि की कि अशांत कुर्रम जिले के संघर्षरत क्षेत्रों में शांति स्थापित हो गई है।

    जिले में अलीजाई और बागान समुदायों के बीच संघर्ष 22 नवंबर को शुरू हुआ था। इससे एक दिन पहले पाराचिनार के पास यात्री गाड़ियों के काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें 47 लोग मारे गए थे। गंभीर रूप से घायल हुए कई यात्रियों ने बाद में दम तोड़ दिया था, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 57 हो गई थी। बागान बाजार क्षेत्र से शुरू हुई हिंसा में पिछले दो दिनों में कम से कम 37 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। यह हिंसा बालिशखेल, खार, काली, जुंज अलीजई और मकबल जैसे अन्य हिस्सों में फैल गई।


    महसूद ने कहा कि जिला प्रशासन ने रविवार को दो युद्धरत जनजातियों के बीच एक स्थायी युद्ध विराम कराने में सफलता हासिल कर ली है। उन्होंने आगे कहा कि जिरगा (आदिवासी नेताओं की परिषद) सड़कों को फिर से खोलने और शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए बुजुर्गों से बात करेगी। सशस्त्र आदिवासियों को गोलीबारी चौकियों से हटा दिया गया है, जबकि क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

    अशांत कुर्रम जिले में लगातार 11वें दिन भी हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 130 हो गई। रविवार को कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और आठ घायल हुए हैं। अब तक घायल हुए लोगों की संख्या 186 पर पहुंच गई है।

    झड़पों का हालिया प्रकरण आठ दिन पहले पुलिस सुरक्षा में दो अलग-अलग काफिलों पर घात लगाकर किए गए हमलों के साथ शुरू हुआ था। तब से, युद्धरत कबीलों के बीच हिंसा बढ़ गई है और पुलिस नियंत्रण बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। कुर्रम क्षेत्र संचार ब्लैकआउट का सामना कर रहा है, मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। मुख्य राजमार्ग के बंद होने से न केवल स्थानीय परिवहन बाधित हुआ है, बल्कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार भी पूरी तरह से ठप हो गया है।

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