बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद में एक बार फिर दंतैल हाथी की दहशत है. इस हाथी ने दर्जनों गांव से लगते खेतों में तबाही मचानी शुरू कर दी है. अब तक कई एकड़ फसल को इसने अपने पैरों तले रौंद डाला है. वहीं अब हाथी के रिहायशी इलाकों में घुसने का खतरा बढ़ गया है. हालात को देखते हुए ग्रामीणों ने रातों दिन निगरानी शुरू कर दी है. वहीं वन विभाग ने ग्रामीणों को शाम ढलने के बाद घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है.वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पूरे क्षेत्र में लगातार निगरानी कराई जा रही है.
इस बार हाथी धमतरी के वन क्षेत्र में आया है. वन विभाग की टीम लगातार इस हाथी के पीछे चल रही है. अधिकारियों के मुताबिक इस क्षेत्र में बीते तीन चार सालों से हाथियों की सक्रियता बढ़ी है.इससे पहले भी 24 चंदा हाथियों के दलों ने उत्पात मचाया था. इस बार दंतैल हाथी आया है. इससे ग्रामीण डर के साये में जिंदगी गुजारने को मजबूर हो रहे हैं.अधिकारियों के मुताबिक दंतैल हाथी बेहद खतरनाक होते हैं और इन हाथियों ने अब तक आधा दर्जन से अधिक लोगों की जान ले ली है.
इन हाथियों ने खेतों को काफी नुकसान पहुंचाया है. खासतौर पर धान व केले की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इस नुकसान के लिए प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की व्यवस्था की जाएगी. उधर, ग्राम सोहतरा में भी एक किसान के खेत मे हाथी ने भारी उत्पात मचाया है.दंतैल हाथी की मौजूदगी को देखते हुए वन विभाग ने जगतरा, सोहतरा, बिच्छीबाहरा, खैरडिगी, धानापुरी, ओडेनाडीह, चूल्हापथरा, नगबेल, रूपुटोला, हितेकसा, गोटाटोला, कंकालिन, करियाटोला, नंगझर, मंगचुवा, कोसमी, नाहन्दा तथा गुरुर से बड़भूम मार्ग पर अलर्ट जारी किया है.
अधिकारी इन रास्तों से आने-जाने वाले लोगों को अलर्ट करने के साथ ही बचाव के उपाय सुझा रहे हैं. क्षेत्र के ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने व सतर्क रहने के लिए कहा जा रहा है. एसडीओ डिम्पी बैस ने बताया कि वन विभाग की टीम लगातार हाथी विचरण क्षेत्र में निगरानी रख रही है. ग्रामीणों को अलर्ट रहने के लिए समझाइश दी जा रही है. उन्होंने बताया कि वह खुद टीम के साथ क्षेत्र में घूम रहे हैं और ग्रामीणों से भी मिल रहे हैं.
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