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कांग्रेस-AAP में एक सीट को लेकर खींचातान जारी, दोस्ती की कसमें पर मुमताज के लिए अटकी है बात

February 24, 2024

नई दिल्‍ली (New Dehli)। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस पार्टी (congress party)की तरफ से पिछले कई दिनों से कहा जा रहा है कि गठबंधन फाइनल(alliance final) हो चुका है और सीट शेयरिंग पर बनी सहमति का ऐलान(declaration of consent) एक-दो दिन में होने वाला है। दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी ‘आप’ ने भाजपा पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए इंडिया गठबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की और यहां तक कहा कि भले ही अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाए यह अलायंस होकर रहेगा। दोस्ती की इन कसमों के बीच एक सीट को लेकर दोनों दलों में खींचतान बहुत बढ़ गई है। गुजरात की भरूच लोकसभा सीट दोनों दलों के लिए ‘नाक’ वाली लड़ाई बन गई है। सोनिया गांधी के सबसे विश्वासपात्र नेता रहे अहमद पटेल का परिवार इस सीट पर से चुनाव लड़ने के लिए अड़ गया है तो ‘आप’ की ओर से घोषित उम्मीदवार चैतर वसावा ने प्रचार भी शुरू कर दिया है। इस बीच दोनों तरफ से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि एक सीट की वजह से बनी बनाई बात बिगड़ भी सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के लिए दोनों दलों के बीच जिस फॉर्मूले पर सहमति की बात सामने आई थी उसके अनुसार दिल्ली में आप 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर लड़ेगी। कांग्रेस हरियाणा में आप को एक और गुजरात में 2 सीटें (भरूच और भावनगर) देने को राजी थी। पंजाब में दोनों दल अलग लड़ेंगे तो चंडीगढ़ में कांग्रेस का उम्मीदवार लड़ेगा।


फैजल का दावा- राहुल गांधी के हस्तक्षेप से रुक गई बात

भरूच सीट से अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी हैं। वह किसी कीमत पर इस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं। भरूच सीट ‘आप’ को देने पर खुलेआम विरोध की बात कह चुके अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर दावा किया कि खुद राहुल गांधी ने इस सीट को लेकर हस्तक्षेप किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘राहुल गांधी जी धन्यवाद, आपने मेरी और भरूच कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बात सुनी। मेरा और भरूच कांग्रेस कार्यकर्ताओं का समर्थन करके आपने सम्मान किया है। मैं आपसे वादा करता हूं कि भरूच लोकसभा सीट जीतकर आपका भरोसा कायम रखेंगे।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में फैजल ने कहा कि हाई कमान ने भरूच सीट के फैसले पर रोक लगा दी है। फैजल ने कहा, ‘मैंने हाई कमान से बात की और भरूच लोकसभा सीट का ब्योरा दिया कि भरूच से आप के मुकाबले कांग्रेस की जीतने की संभावना ज्यादा है। मुझे अपने सूत्रों के जरिए पता चला है कि हाईकमान ने भरूच और भावनगर सीट पर बातचीत पर फिलहाल रोक लगा दी है।’ फैजल की बहन मुमताज भी लगातार भरूच को अपने पिता की विरासत बताते हुए लगातार दावेदारी पेश कर रही हैं। मुमताज का कहना है कि आम आदमी पार्टी भरूच लोकसभा सीट के तहत आने वाली 7 विधानसभा में से सिर्फ एक में मजबूत है जहां से चैतर अभी विधायक हैं, अन्य 6 विधानसभा में कांग्रेस बहुत मजबूत है।

उधर, प्रचार पर निकल चुके वसावा, पीछे हटना मुश्किल

एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी भरूच सीट पर दावेदारी नहीं छोड़ रही है तो दूसरी तरफ ‘आप’ की ओर से उम्मीदवार घोषित किए जा चुके चैतर वसावा ने बकायदा चुनाव प्रचार का आगाज भी कर दिया है। वह ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करके वह यह भी दिखा रहे हैं कि उनके समर्थन में कितनी भीड़ उमड़ रही है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भरूच आकर खुद उनकी दावेदारी का ऐलान कर दिया था। ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए अब वसावा की उम्मीदवारी वापस लेना आसान नहीं है।

आप ने अमेठी-रायबरेली तक की दिलाई याद

दूसरी तरफ गुजरात ‘आप’ की ओर से भी कई ऐसे संकेत दिए गए हैं जिनसे दोनों पार्टियों की खींचतान खुलकर सामने आ रही है। गुजरात आप के पूर्व प्रमुख गोपाल इटालिया ने तो रायबरेली और अमेठी तक की याद दिलाते हुए कहा कि चाचा नहेरु जी से लेकर सोनिया जी तक हर बड़े नेता की भावनाएं इस सीट से जुड़ी हुई हैं लेकिन वक्त, स्थिति, हालात और संजोग के देखते हुए राहुल जी और सोनिया जी ने वह सीट छोड़ दी। राजनीतिक और पारिवारिक रूप से किसी सीट के साथ भावनाओं का जुड़ा होना गलत नहीं है लेकिन वक्त को, हालतों को और जनता के मानस को वक्त रहते न पहचानना और न भांपना गलत है। उन्होंने कहा, ‘भावनाओं की हमेशा कद्र की जाती है। अपने परिवार और अपनी पार्टी के साथ भावनाओं से जुड़ना तो एक श्रेष्ठ कार्यकर्ता की निशानी है, लेकिन भावनाओं में बहकर लिए गए गलत फैसलो को इतिहास में जगह नहीं मिलती।’ सोशल मीडिया पर एक अन्य पोस्ट में इटालिया ने यह भी कहा कि भरूच सीट पर 2009 में भी कांग्रेस नहीं जीत पाई थी जब अहमद पटेल जीवित थे और कांग्रेस के लिए हालात आज से बेहतर थे।

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