नई दिल्ली। वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एएसआई सर्वे किया जा रहा है। आज सर्वे को चौथा दिन है। हिन्दू पक्ष ने दावा किया है कि मुगल शासकों ने ज्ञानवापी मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया था। हिन्दू पक्ष ने कोर्ट के सामने ज्ञानवापी परिसर के अंदर पूजा अर्चना करने की मांग रखी है। अब ज्ञानवापी में मंदिर होने का सबूत अमेरिका में मिला है।
अमेरिका के लॉस एंजेलिस में स्थित गेट्टी म्यूजियम के फोटोग्राफ विभाग में ज्ञानवापी मंदिर की तस्वीरें प्रदर्शित है। म्यूजियम में लगे चित्र परिचय में लिखा गया है- ‘ज्ञानवापी आर वेल आफ नालेज’ यानी ज्ञानवापी-ज्ञान का कुआं। वहां प्रदर्शित तस्वीरों में ज्ञानवापी में मंदिर होने के सबूत मिले है।
अमेरिका में प्रदर्शित तस्वीरों को ब्रिटिश फोटोग्राफर सैमुअल बार्न ने साल 1868 में खींची थी। इस वक्त वे बनारस यात्रा पर भारत आए थे। यह तस्वीर आज से 155 साल पहले ज्ञानवापी की सच्चाई दिखलाती है। इन तस्वीरों में तीन अलंकृत नक्काशीदार स्तंभ अग्रभूमि में, एक खोदी गई मेहराब के नीचे और एक नक्काशीदार मूर्ति के सामने खड़े हैं।
वहीं एक अन्य तस्वीर में अलंकृत रूप से सजाई गई मूर्ति दो स्तंभों के बीच दिख रही है और तस्वीर में दिख रहा है कि मूर्ति के ठीक ऊपर घंटी लटकी हुई है। इस तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि दिवार पर बजरंगबली की नक्काशी की गई है, तस्वीर में घंटिया और अन्य हिन्दू धर्म के प्रतीक चिन्ह को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
बता दें कि संग्राहलय में सैमुअल के भारत दौरे के दौरान खींचे गए तस्वीर और नीलामी से प्राप्त किए गए 150 से अधिक तस्वीर प्रदर्शित की गई है इन तस्वीरों में बनारस के घाट,आलमगिरी मस्जिद सहित अनेक मंदिरों और ज्ञानवापी के भीतर तथा बाहर बैठे नंदी की अनेक तस्वीरें मौजूद हैं।
कशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, कला संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सैमुअल बार्न के चित्रों में ज्ञानवापी में दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र, हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्न स्पष्ट रूप से उपस्थित दिखते हैं। इससे यह पता चलता है ASI सर्वेक्षण ज्ञानवापी के भीतर आज भी मंदिर के बहुत सारे अवशेष मिलेंगे।
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