इंदौर, प्रदीप मिश्रा। आयुर्वेदिक वन औषधीय पौधे के बारे में शहरवासियों को जागरूक करने के लिए सामाजिक वानिकी विभाग और शासकीय आयुर्वेद कॉलेज का शहर में जनजागरण अभियान का सिलसिला पिछले अगस्त माह से जारी है । इस अभियान का असर यह है कि शहर में अब अपने घर की छत या बगीचों में हार्ट, किडनी, लिवर, शुगर, ब्लडप्रेशर सहित अन्य बीमारियों के इलाज में काम आने वाले वन औषधीय पौधे लगाने का चलन बढ़ गया है। कई परिवार डॉक्टरों की सलाह से इन औषधीय पौधों का अपनी सेहत और स्वास्थ्य के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। जनजागरण अभियान में शहरवासियों को बताया जा रहा है कि वन औषधियों से सम्बंधित कौन सा पौधा, किस बीमारी में किस तरह फायदा अथवा इलाज कर सकता है , यह जानकारी देने की जिम्मेदारी जहां आष्टांग आयुर्वेद कॉलज के डॉक्टरों ने सम्हाल रखी है तो वहीं मुफ्त में वन औषधीय पौधे और खाद बांटने की जिम्मेदारी सामाजिक वानिकी विभाग निभा रहा है। पिछले 9 महीनो में 7000 से कहीं ज्यादा लोग अपने घर अथवा बगीचों या छतों पर औषधीय पौधे लगा चुके हैं।
जनजागरण के लिए अगस्त में अनुबंध
पिछले साल अगस्त माह में आष्टांग आयुर्वेद कॉलेज और सामाजिक वानिकी विभाग के बीच, लोगो मे वनऔषधीय पौधो के प्रति जागरूकता बढ़ाने को लेकर एमओयू यानी अनुबन्ध साइन किया गया है। इस करार के चलते दोनों विभागों ने शहर के प्रसिद्ध मन्दिरों और पार्क सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगभग 27 आयोजन कर लोगों को बताया कि कौन से वन औषधीय पौधे का किस बीमारी में किस तरह और कैसे इस्तेमाल करना चाहिए। इसी दौरान सामाजिक वानिकी विभाग ने पर्यावरण प्रेमियों को 7474 औषधीय पौधे और जैविक खाद का मुफ्त वितरण किया ।
हर बीमारी के लिए रामबाण वन औषधीय पौधे
सामाजिक वानिकी विभाग और आष्टांग आयुर्वेद कॉलज ने मिल कर शहरवासियों को उनके वार्ड गली-मोहल्लों में जाकर लगभग 31 प्रजाति के वन औषधीय पौधे वितरित किये। पौधे वितरण के दौरान आयुर्वेद कॉलज के डॉक्टरों ने बताया कि यह औषधीय पौधे कैंसर, हार्ट , किडनी, लिवर, बुखार, खांसी, पथरी, शुगर, ब्लडप्रेशर सहित कई अन्य बीमारियों के लिए रामबाण है। पौधे की पत्तियां, इनकी जड़, छाल, फूल और फल लगभग हर बीमारी में काम आते हैं। बस मरीज को यह जानकारी होना चाहिए कि कौन से औषधीय पौधे किस तरह इस्तेमाल किए जाते हैं।
शहर में इन स्थानों पर पौधे मुफ्त बांटे
औषधीय पोधो का वितरण शहर के प्रसिद्ध मन्दिरों सहित 27 इलाको में किया जा चुका है, जहां यह पौधे वितरित किए गए। उनमें खजराना गणेश मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर, अन्नपूर्णा मन्दिर के अलावा मेघदूत गार्डन, पीपल्हायाना, विजयनगर, राजेंद्रनगर, पलसीकर सपना पार्क, 56 दुकान, जैन तेरापंथ, राजेन्द्र नगर सिलिकॉन सिटी शामिल है। इनमे से कई जगह तो 4 से 5 बार जा-जाकर वन औषधीय पौधे वितरित किए गए। सामाजिक वानिकी विभाग से किए गए एमओयू के बाद लगभग 9 महीने तक चले जनजागरण अभियान के दौरान 7474 परिवार वन औषधीय पौधे लगाकर घरेलू चिकित्सा का फायदा उठा रहे है।ं -एपीएस चौहान, प्रिंसिपल, आष्टांग शासकीय आयुर्वेद कॉलेज इंदौर
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