नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने कहा कि देश में (In the Country) इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का चलन (The trend of Electric Vehicles (EV) ) आने वाले समय में (In the coming Times) और बढ़ेगा (Will more Increase) । केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगले दो वर्षों में ईवी की लागत पेट्रोल और डीजल वाहनों के बराबर आ जाएगी।
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) की ओर से आयोजित किए गए इवेंट में केंद्रीय मंत्री की ओर से ऑटोमोबाइल को सड़क सुरक्षा को बढ़ाने में अधिक योगदान देने को कहा गया। गडकरी ने कहा, “10 साल पहले जब मैंने इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑटोमोबाइल कंपनियों से बढ़ाने को कहा था, उस समय बाजार में किसी ने मेरी बात को अधिक महत्व नहीं दिया था। अब वे लोग कह रहे हैं कि मौका हाथ से निकल गया है।”
उन्होंने आगे कहा कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए किसी भी प्रकार की सब्सिडी और इंसेंटिव आदि के खिलाफ नहीं हैं, अगर वित्त मंत्रालय और भारी उद्योग मंत्रालय ईवी सब्सिडी के लिए राशि आवंटित कर देते हैं । नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी का उद्देश्य वैश्विक प्लेयर्स को घरेलू वैल्यू चेन में योगदान के लिए आकर्षित करना है। नई ईवी पॉलिसी के तहत कंपनियों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग सुविधा लगाने के लिए कम से कम 4,150 करोड़ रुपये (500 मिलियन डॉलर) का निवेश करना होगा और तीन वर्ष में उत्पादन शुरू करना होगा।
इस दौरान कंपनी को कम से कम 25 प्रतिशत डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (डीवीए) करना होगा। वहीं, कम से कम 50 प्रतिशत डीवीए पांच वर्ष के अंदर करना होगा। बीते महीने क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि 2030 तक नई कार बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। वित्त वर्ष 24 में वित्त वर्ष 23 के मुकाबले 42.06 प्रतिशत नई कारें पंजीकृत हुई थी।
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