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ई-कार्ड के ट्रेंड ने कम किया प्रिंटेड कार्ड का क्रेज

February 01, 2023

  • पहले शादी के छपे हुए कार्ड भेजे जाते थे, अब सोशल मीडिया के जरिए भेजी जा रही ई-कार्ड
  • कोविड के बाद आए चलन से खर्च के साथ लोगों के समय की भी हो रही बचत जिस परिवार में पहले 400 शादी के कार्ड छपते थे, अब 200 ही छप रहे

भोपाल। शादियों में ई-कार्ड के बढ़ते चलन ने प्रिंटेड कार्ड का क्रेज कम कर दिया है। अब ज्यादातर लोग विवाह समारोह में अपने रिश्तेदारों और शुभचिंतकों को निमंत्रण देने के लिए ई-कार्ड (डिजिटल कार्ड) का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। कोरोना काल के बाद इसका चलन शुरू हुआ था, जो अब काफी बढ़ गया है। इसकी वजह यह है कि इससे कार्ड छपवाने में आने वाला खर्च कम हुआ है और घर-घर जाकर कार्ड लगाने में लगने वाले समय की बचत हो रही है। हालांकि इससे वैवाहिक कार्ड छापने वालों के कारोबार पर असर पड़ा है। प्रिंटेड वैवाहिक कार्ड बनाने वाले अनुभव कोहली ने बताया कि पहले यदि किसी परिवार में 400 कार्डस छपते थे, तो अब इनकी संख्या 150 से 200 रह गई है। ई-कार्डस से प्रिंटेड कार्डस के काम में गिरावट देखने को मिल रही है। बाजार में एक प्रिंटिंग कार्डस 6 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की कीमत में बनता है।


वाट्सऐप पर भेजकर फोन कर देते हैं
ई-कार्ड वाट्सऐप आदि के जरिए अपने रिश्तेदारों, शुभचिंतकों को भेज दिए जाते हैं। बाद में फोन करके निमंत्रण दे देते हैं। साथ ही कार्ड पीडीएफ फाइल में भी दिए जाते हैं। इसमें प्रिंटिंग कार्ड की तरह पूरा कार्ड छपा होता है।

500 से लेकर 14,000 तक में बन रहे ई-कार्डस

  • ई-कार्डस बनाने वाले पुनीत माहेश्वरी ने बताया कि ई-कार्डस की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। इसमें टेक्सट (केवल शब्द), दूल्हा-दुल्हन की तस्वीर वाले डिजिटल कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा वीडियो क्लिप के जरिए भी निमंत्रण भेजा जा रहा है। 45 सेकंड से डेढ़ मिनट की अवधि वाले वीडियो कार्ड में दूल्हा-दुल्हन के चेहरे लगाकर कार्टून शेप में डांस आदि तरीके के विजुअल लगाए जाते हैं। ये 500 रुपए से लेकर 14,000 रुपए में बनाए जा रहे हैं।
  • इसे बनाने में केवल एक दिन का समय लगता है। ई-कार्डस तैयार करने वाले कुछ फोटोग्राफर इन्हें कॉम्पलीमेंट्री के रूप में भी देते हैं, तो कुछ इसके लिए पूरा चार्ज लेते हैं।
  • दो महीने पहले सेव द डेट का वीडियो भेज रहे: विवाह में करीब दो महीने पहले छपी हुई मनुहार पत्रिका भेजने का चलन था। इसकी जगह अब ई-कार्डस ने ले ली है। मनुहार पत्रिका की तरह ई-कार्डस में सेव द डेट वीडियो बनाकर शादी से दो महीने पूर्व रिश्तेदारों को भेज दिया जाता है। इसके जरिए शादी की डेट और जगह की सूचना दी जाती है, ताकि रिश्तेदार अपना रिजर्वेशन व अन्य तैयारियां कर लें। सेव द डेट ई-कार्डस बनवाने में 500 से 1,000 रुपए का खर्च आता है।

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