भोपाल। प्रदेश के इतिहास में विधायकों के एक साथ इस्तीफे के बाद 28 सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में प्रदेश की सियासत में नेताओं के लिए नया शब्द ‘गद्दारÓ मिल गया है। कांग्रेस ने गद्दार को उस तरह से भुनाने की कोशिश की है, जिस तरह से भाजपा पिछले 17 साल से हर चुनाव में मिस्टर बंटाढार को भुनाती आई है। ग्वालियर-चंबल में इस उपचुनाव में कांग्रेस ने गद्दार को बड़ा मुद्दा बना दिया है। हालांकि भाजपा के पास फिलहाल इसका कोई पलटवार नहीं है। प्रदेश में 1993 से 2003 तक दिग्विजय सिंह सरकार रही थी। 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की बदलाही के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को जिम्मेदारी बताया है और उन्हें मिस्टर बंटाढार बताया। भाजपा की बंटाढार का टाइटल चल पड़ा। जो अभी भ्ीा प्रदेश की सियासत में चल रहा है। इसी तरह उपचुनाव में कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमलनाथ सरकार गिराने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस सिंधिया को गद्दार बताने पर तुली है। फिलहल उपचुनाव वाले क्षेत्रों में गद्दार चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि कांग्रेस ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घोषणावीर बताने की कोशिश की, लेकिन जनता ने इसे स्वीकार नहीं किया था। लेकिन जिस तरह से जनता में गद्दार चर्चित हो रहा है, उससे लगता है कि अब प्रदेश की सियायत में गद्दार उसी तरह से चलेगा जिस तरह से बंटाढार चल रहा है।
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