मैसूर: कर्नाटक के मैसूर में त्योहार के सीजन में ट्रेन को पलटने की साजिश नाकाम हो गई है. रेलवे सुरक्षा बल ने मैसूर में नंजनगुडु और कडाकोला स्टेशनों के बीच ट्रेन एक्सीडेंट के प्लान को विफल कर दिया है. दरअसल, बदमाशों ने ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का गुटका और लोहे की रॉड रख दिया था. उनके निशाने पर इस ट्रैक पर आने वाली पैसेंजर एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 06275 थी. इस ट्रेन में 400 लोग सवार थे, लेकिन इससे पहले कि बदमाश अपने मंसूबे को पूरा कर पाते, ट्रेन के लोको पायलट ने सावधानी और सूझबूझ से 400 यात्रियों को बचा लिया.
इस घटनाक्रम से जुड़े आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने तीन लोगों सोमाय मरांडी, भजनु मुर्मू और दासमत मरांडी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने जानबूझकर रेल पटरियों पर लोहे के रॉड और लकड़ी के ब्लॉक रख दिए थे. घटना की जानकारी मिलने पर मैसूर रेलवे प्रोटेक्शन डिवीजन के सहायक रक्षा आयुक्त एमएनए खान, पोस्ट कमांडर ला केवी वेंकटेश और उनकी टीम के साथ-साथ आरपीएफ के डॉग स्क्वायड घटनास्थल पर पहुंचे.
उनकी त्वरित कार्रवाई ने एक संभावित आपदा को सफलतापूर्वक टाल दिया. इस काम को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने एक वीडियो बनाया था. उन्होंने दूसरी पटरी पर जा रही ट्रेन का भी वीडियो बनाया था. इसके बाद उन्होंने पटरी पर सामान रखा था. पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि उन्होंने मौज-मस्ती के लिए ऐसा किया था.
तीनों आरोपियों ने दुर्घटना की साजिश रची और कुछ देर तक रेलवे ट्रैक के पास रुके रहे. वहां उन्होंने शराब पी और फिर घंटों ट्रेन का इंतजार करते रहे. ट्रेन आई तो मौके पर पहुंचने से पहले ही लोको पायलट की नजर ट्रैक पर पड़ी लकड़ी और लोहे के रॉड पर पड़ी. समय रहते उसने ट्रेन को सफलतापूर्वक पहले ही रोक दिया और बड़ी दुर्घटना होने से बच गई.
जलडीहा, बांगिरिपोसी, मयूरबंज, ओडिशा के मूल निवासी सोमाय मरांडी को घटनास्थल पर पाया गया और पूछताछ करने पर उसने तोड़फोड़ के प्रयास की बात कबूल कर ली. आरोपियों को आगे की जांच के लिए मैसूर रेलवे पुलिस को सौंप दिया गया है और उनके खिलाफ रेलवे अधिनियम-1989 की धारा 150(1)(ए) के तहत सीआर नंबर 39/2023 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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