पटना. बिहार (Bihar) के समस्तीपुर (Samastipur) में लोको पायलट (loco pilot) ने अपनी साहस और बहादुरी का ऐसा परिचय दिया है कि आज हर तरफ इनकी चर्चा हो रही है. जो कोई भी इनकी बहादुरी का वीडियो देख रहा है, इनकी तारीफ करने से थक नहीं रहा. दरअसल समस्तीपुर रेलखंड के वाल्मीकिनगर और पनियावा स्टेशन के बीच बने पुल (bridge) के बीचों बीच अचानक ट्रेन रुक (train) गई. बीच पुल पर ट्रेन रुकी देख यात्री घबराने लगे. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था. तभी लोको पायलट ने देखा कि ट्रेन के किसी वॉल्व से एयर प्रेशर लीक हो रहा है और ट्रेन बीच में रुक गई है.
ट्रेन ऐसी जगह रुकी थी जहां मदद पहुंचा पाना भी संभव नहीं था. इसके बाद ट्रेन को चला रहे दोनों लोको पायलट ने अपने साहस का परिचय देते हुुए जान जोखिम में डाल पुल से लटक कर, ट्रेन के नीचे से रेंगते हुए इंजन में हो रहे लीकेज को ठीक करने के लिए निकल पड़े. धीरे धीरे रेंगते और लटकते हुए दोनों पायलट लीकेज वाली जगह पर पहुंचे और उसे ठीक किया.
क्यों बंद हुई थी ट्रेन
ट्रेन संख्या 05497 नरकटियागंज – गोरखपुर पैसेंजर ट्रेन जब वाल्मीकिनगर और पनियावां के बीच पुल संख्या 382 पर पहुंची तो अचानक इंजन (लोको) के अनलोडर वॉल्व से एयर प्रेशर का लीकेज होने लगा, जिस कारण एमआर प्रेशर कम हो गया और ट्रैक्शन मिलना बंद हो गया. इस वजह से ट्रेन बीच पुल पर खड़ी हो गई. बीच पुल पर ट्रेन के रुक जाने के बाद उसे ठीक करने का कोई रास्ता समझ नहीं आ रहा था.
यात्रियों के बीच बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी. बीच पुल पर बाहरी सपोर्ट भी मिल पाना संभव नहीं था. तभी दोनों लोको पायलट ने हिम्मत दिखाते हुए खुद की जान जोखिम में डाल ट्रेन से नीचे उतर कर लिकेज को ठीक करने का फैसला किया. यह फैसला उनके लिए बेहद खतरनाक था. एक पायलट ट्रेन से उतर कर पुल की दीवार से लटकते हुए लिकेज वाली जगह तक पहुंचने की कोशिश कर रहा होता है. वहीं, दूसरा लोको पायलट ट्रेन के नीचे पटरियों पर रेंगते हुए आगे बढ़ता है. काफी मशक्कत के बाद दोनों लिकेज वाली जगह तक पहुंचते हैं और उसे ठीक कर वापस ट्रेन में दाखिल होते हैं. फिर ट्रेन को आगे बढ़ाते हैं.
दोनों को मिलेगा सम्मान
इस घटना पर डीआरएम समस्तीपुर ने बताया कि 20 जून लोको पायलट अजय कुमार यादव और जीत कुमार गाड़ी सं. 05497 कार्य के दौरान वाल्मीकीनगर एवं पनियावां के बीच पुल सं. 382 पर अचानक लोको के अनलोडर वाल्व से एयर प्रेशर का लीकेज के कारण ट्रेन बीच पुल पर खड़ी हो गई. जिसे ठीक करने लिए पहुंचने का कोई रास्ता उपलब्ध नहीं था.
कार्यरत क्रू पुल पर लटकते तथा रेंगते हुए लिकेज वाली स्थान तक पहुँचकर उसे ठीक किया. कार्यरत क्रू ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए प्रेशर के लीकेज को ठीक किया. दोनों लोको पायलट के साहसिक कार्य को देखते हुए इनको दस हजार रुपए का सामूहिक पुरस्कार के साथ प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया जायेगा.
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