– स्कूल बसों, वैन पर भी कार्रवाई के मामले में सुस्त रहा इस साल विभाग
– पिछले साल के मुकाबले इस साल बिना हेलमेट के 11 हजार कम चालान
इंदौर, नासेरा मंसूरी। इंदौर यातायात विभाग पिछले साल के मुकाबले चालानी कार्रवाई और समन शुल्क वसूलने के मामले में पीछे रह गया है। अघोषित रूप से बंद चालानी कार्रवाई का असर ये रहा है कि इस साल नवंबर अंत तक विभाग मात्र 2 करोड़ 43 लाख 54 हजार 750 रुपए का ही समन शुल्क वसूला पाया है, जबकि पिछले साल नवंबर माह अंत तक ये आंकड़ा 6 करोड़ 31 लाख 59 हजार 200 रुपए था।
विभाग ने पिछले साल तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को हुई शिकायत के बाद अघोषित रूप से शहर में चालानी कार्रवाई बंद कर दी थी, जिसके बाद नियम तोड़ते वाहन चालकों पर सख्ती से कोई चालानी कार्रवाई नहीं की गई, जबकि शहर में नियम तोड़ते वाहन चालकों में कोई कमी नहीं आई है। पिछले साल नवंबर में शुरू किए गए आईटीएमएस सिस्टम (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) ने जरूर जमकर चालान बनाए, लेकिन सडक़ों पर यातायात पुलिस कोई विशेष अभियान चलाती नजर नहीं आई, जिसका साफ असर चालानी कार्रवाई के आंकड़ों और उससे मिले समन शुल्क पर नजर आ रहा है। विभाग पिछले साल नवंबर तक में वसूले गए समन शुल्क से इस साल 3 करोड़ 88 लाख 04 हजार 450 रुपए की राशि से पीछे चल रहा है।
वसूली में आईटीएमएस से बने चालानों के मामले में भी फेल
आईटीएमएस सिस्टम भले ही पिछले साल नवंबर से चालान बना रहा हो, लेकिन चालान भरने को लेकर लोग उदासीन हैं। ऐसे में रोज बनने वाले चालानों में जुर्माना राशि भरने वालों का प्रतिशत केवल 1 फीसदी है। विभाग इसके लिए लोगों को जागरूक भी नहीं कर पा रहा है। बीते दिनों इसे लेकर शुरू किया गया रियल टाइम एक्शन फॉर्मूला भी बल की कमी के कारण पूरी तत्परता से काम नहीं कर पा रहा है। एक ही चौराहे पर हो रही कार्रवाई न तो पर्याप्त है और न ही रोज हो पाती है।
स्कूली वाहनों को लेकर नहीं चला सडक़ों पर अभियान
इस साल स्कूल बसों, स्कूल वैन, स्कूली ऑटो को लेकर भी सख्ती नहीं दिखाई। विभाग ने सडक़ पर इसे लेकर कोई विशेष जांच अभियान नहीं चलाया। हालांकि, अधिकारी यह जरूर कहते रहे कि हमने यातायात जोन के अनुसार टीम बनाकर स्कूल खुलने से पहले ही स्कूलों में वाहनों की जांच करवा दी है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि इस साल अब तक केवल 25 स्कूली वाहनों पर कार्रवाई की गई, जबकि हर दिन स्कूली वैन और ऑटो नियम तोड़ते नजर आ जाते हैं। परिवहन विभाग जरूर इस मामले में सख्त रहा।
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