उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में होली के दूसरे दिन धुलेंडी से भगवान महाकाल की कुछ आरतियों के समय में परिवर्तन हो जाएगा। इसी के साथ भगवान महाकाल गर्म जल त्याग कर ठंडे जल से स्नान करने लगेंगे। परंपरानुसार चैत्र मास की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से भगवान महाकाल की दिनचर्या में यह परिवर्तन होता है। महाकाल मंदिर के पुजारी पं. आशीष गुरु ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में चैत्र मास की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से आरतियों के समय में परंपरागत परिवर्तन किया जाता है। इस दिन से भगवान महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराना आरंभ किया जाएगा। इसके पूर्व कार्तिक मास की प्रतिपदा से भगवान को गर्म जल से स्नान कराया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि सर्दी के दिनों में भगवान महाकाल को भस्मारती के दौरान गर्मजल से स्नान कराया जाता है। वहीं चैत्र मास की प्रतिपदा से गर्मी आरंभ हो जाती है। इस दिन से भगवान को शीतल जल से स्नान कराना आरंभ कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इसी के साथ भगवान महाकाल की नियमित होने वाली 5 आरतियों में से तीन आरतियों का समय भी बदल जाएगा। इसमें भगवान महाकाल की तड़के होने वाली भस्मारती का समय सुबह 4 से 6 बजे तक ही रहेगा, वहीं संध्या कालीन पूजन भी शाम 5 बजे ही होगा और संध्या आरती भी शाम 7 बजे से 7:45 बजे तक होगी। लेकिन बाल भोग आरती का समय बदलकर सुबह 7 बजे से 7: 75 तक हो जाएगा। नैवेद्य आरती भी आधा घंटा पहले अर्थात सुबह 10 बजे से 10:45 बजे तक होगी। शयन आरती का समय भी रात 10:30 से 11 बजे तक रहेगा। यह क्रम अश्विन मास की कार्तिक पूर्णिमा तक चलेगा।
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