माले: मालदीव (Maldives) की मोहम्मद मुइज्जू सरकार (Mohammed Muizzu Sarkar) इन दिनों चीन (China) के खुश नहीं है। यही कारण है कि उसने चीन से दान में मिले 1,500 टन के बोतलबंद मिनरल वाटर (Bottled Mineral Water) का इस्तेमाल तक नहीं किया। इन पानी के डिब्बों को हुलहुमाले में एक खाली जगह पर दो महीने तक लावारिस छोड़ दिया गया है। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि इन डिब्बों का इस्तेमाल द्वीपों में पानी की कमी होने पर पानी की आपूर्ति के लिए किया जाएगा। चीनी पानी को लावारिस छोड़े जाने की खबर तब आई है, जब मालदीव की मुइज्जू सरकार वादे के मुताबिक चीन से अपने देश में निवेश के लिए नाक रगड़ रही है।
हुलहुमाले में लावारिस पड़े हैं पानी के बॉटल्स
अधाधु की रिपोर्ट के अनुसार, चीन से आए इन बोतलबंद पानी के डिब्बों को हुलहुमाले में एक अस्थायी मस्जिद के परिसर में आने के बाद से ही छोड़ दिया गया है। सैकड़ों पैलेटों में बंधे डिब्बों को कैनवास से ढक दिया गया था। जिस जगह पर पानी के डिब्बे को लावारिस छोड़ दिया गया था, वहां कुछ डिब्बों को खोला हुआ पाया गया। वहां अवैध रूप से रहने वालों और नशीली दवाओं के उपयोग के संकेत भी मिले हैं।
गर्मियों में मालदीव में होती है पानी की किल्लत
शुष्क मौसम के दौरान द्वीपों में पीने का पानी खत्म हो जाना मालदीव में हर साल होने वाली समस्या है। 2022 में एक ऑडिट के अनुसार, मालदीव ने 2014 से 2019 तक कुल 390 द्वीपों को पानी की आपूर्ति करने के लिए MVR 40,696,771 खर्च किए। अध्ययन से पता चला कि 2014 में 61 द्वीपों को पानी की आपूर्ति की गई थी। लेकिन पांच साल बाद, सरकार को 2019 में 82 द्वीपों को पानी उपलब्ध कराने की जरूरत थी, जो 34 प्रतिशत की वृद्धि थी। पानी की आपूर्ति के लिए मालदीव का खर्च पांच वर्षों में 2.3 गुना बढ़ गया।
सरकार की आलोचना कर रहे लोग
इसके मद्देनजर, सरकार को जनता के लिए खुली पहुंच वाली जगह पर इतने लंबे समय तक दान किए गए पानी के डिब्बों को बिना देखभाल के छोड़ने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। हालांकि, सरकार ने अभी तक पानी के डिब्बों को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने या उन्हें द्वीपों तक भेजने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है।
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