नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में अचानक आतंकी घटनाओं (Terrorist incidents) में तेजी से इजाफा हुआ है. पिछले कुछ दिनों तक शांति के दौर से गुजर रहे इस क्षेत्र में 9 जून के बाद एक के बाद एक तीन आतंकी घटनाएं सामने आई हैं. सवाल है कि आतंकी अचानक इतने अकुलाए क्यों हैं? दरअसल लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दौरान जम्मू-कश्मीर में बंपर वोटिंग (bumper voting ) ने आतंकियों की नींद उड़ा दी है, उन्हें अपने वजूद और सपोर्ट बेस की चिंता होने लगी है.
पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आका ऐसा कभी नहीं चाहेंगे, इसलिए उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अटैक बढ़ा दिया है. खुफिया इनपुट के मुताबिक TRF का ऑफशूट हिट स्क्वाड जो फॉल्कन स्क्वाड के नाम से जाना जाता है, वो ऐसे हमलों को अंजाम दे रहा है. आतंकियों के इस गिरोह में विदेशी दहशतगर्द भी शामिल हैं. इसके अलावा हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की लंबी-लंबी कतारें भी पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के सरगनाओं को खटक रही है. इसलिए ये तत्व घाटी में अमन के माहौल को किसी भी हालत में खत्म करना चाहते हैं.
खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की शह पर जम्मू कश्मीर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की तैयारी को निशाना बनाने की नीयत से ये हमले किये जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से जुड़े हलचल पर ISI की लगातार नजर है. खबर है कि इन हमलों की साजिश पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में रची गई थी. भारत की खुफिया एजेंसी का मानना है आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर में और खास तौर पर जम्मू में इसी तरीके के आतंकी हमले को अंजाम दिया जा सकता है.
हाल ही के चुनाव में भारी वोटिंग के चलते आतंकी संगठन बौखलाए हुए हैं. बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर घाटी के लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला था. यहां पोलिंग लाइन पर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली थी. जम्मू-कश्मीर के 5 लोकसभा क्षेत्र श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग राजौरी, उधमपुर और जम्मू में वोटिंग टर्न आउट 58.46 प्रतिशत था. अगर सिर्फ कश्मीर के तीन लोकसभा क्षेत्रों की बात करें तो यहां वोटिंग टर्नआउट 50.86 प्रतिशत था. जम्मू-कश्मीर के लिहाज से इतने हाई वोटिंग प्रतिशत ने आतंक के आकाओं को बैचेन कर दिया है.
खुफिया सूत्र बताते हैं कि आतंकी प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के साथ-साथ अमरनाथ यात्रा को भी निशाना बना सकते हैं. खास तौर पर जम्मू के रूट को वे इस बार टारगेट करने की पूरजोर कोशिश कर रहे हैं. खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक जम्मू में पिछले तीन दिनों में हुए तीन आतंकी हमले में लश्कर और जैश से जुड़े छद्म गुटों की भागीदारी बताई जा रही है. ये दहशतगर्द कुछ महीने पहले पाकिस्तान से दाखिल होकर जम्मू की पहाड़ियों में छिपकर अपनी गतिविधियां चला रहे थे. अब सुरक्षा एजेंसियां कदम कदम पर इतनी तलाश कर रही हैं.
बता दें कि रियासी के शिवखोड़ी की बस में हुए हमले की जांच में एजेंसियों और NIA ने अभी तक जो सुराग जुटाए हैं उसके आधार पर कहा जा सकता है कि विदेशी आतंकियों के साथ-साथ लोकल ओवर ग्राउंड वर्कर भी इस हमले में शामिल हैं. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक TRF का ऑफशूट हिट स्क्वाड जो फॉल्कन स्क्वाड के नाम से जाना जाता है, वो ऐसे हमलों को अंजाम दे रहा है. आतंकियों के इस गिरोह में विदेशी दहशतगर्द भी शामिल हैं.
बता दें कि डोडा के छत्रकला में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी में सेना के पांच जवान घायल बताए जा रहे हैं. घायलों में एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) भी शामिल है. कठुआ हमले में एक जवान बलिदान हो गया है और एक आतंकी की मौत हुई है. जबकि रियासी हमले में 9 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी.
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